महाराष्ट्र में जोड़-तोड़ कर बनी एकनाथ शिंदे-बीजेपी की सरकार का कैबिनेट विस्तार एक बार फिर टल गया है। कोई नहीं जानता कि कैबिनेट का विस्तार कब होगा। खबर आई थी कि 5 अगस्त को कैबिनेट का विस्तार किया जाएगा लेकिन आज यह विस्तार नहीं होगा।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनके समर्थक विधायकों की बगावत के बाद बीजेपी के साथ मिलकर बनी नई सरकार की कैबिनेट का विस्तार करने में बीजेपी और एकनाथ शिंदे, दोनों के ही पसीने छूट रहे हैं।
महाराष्ट्र में नई सरकार ने 30 जून को शपथ ली थी और माना जा रहा था कि अगले कुछ दिनों के अंदर कैबिनेट का विस्तार होगा। लेकिन अब यह कहा जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट में एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे गुट की ओर से दायर याचिकाओं पर कोई फैसला आने के बाद ही कैबिनेट का विस्तार होगा।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने 27 जुलाई को कहा था कि वह अपनी कैबिनेट का विस्तार अगले 3 दिनों में करेंगे और तब उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी कहा था कि कैबिनेट का विस्तार जल्द होगा। इसके बाद एकनाथ शिंदे गुट के प्रवक्ता दीपक केसरकर ने कहा था कि कैबिनेट का विस्तार 7 अगस्त से पहले कभी भी हो सकता है।
शुक्रवार को कैबिनेट का विस्तार होने की खबर उस वक्त गिर गई जब पता चला कि एकनाथ शिंदे बीमार हैं और डॉक्टर ने उन्हें आराम करने के लिए कहा है।
द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, कुछ विधायक गुरुवार को मुख्यमंत्री शिंदे से मिलने भी आए थे लेकिन उनसे कहा गया कि वे वरिष्ठ विधायक उदय सामंत से मुलाकात करें।
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फडणवीस नहीं आए दिल्ली
उधर, उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के गुरुवार को दिल्ली आने की खबर महाराष्ट्र और दिल्ली की मीडिया में जोर-शोर से चली लेकिन बाद में उप मुख्यमंत्री के कार्यालय से बयान सामने आया कि देवेंद्र फडणवीस मुंबई में ही हैं और वह दिल्ली नहीं गए हैं।
बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि वह कैबिनेट विस्तार की सही तारीख के बारे में कुछ नहीं बता सकते। लेकिन इतना जरूर कह सकते हैं कि यह 15 अगस्त से पहले होगा।
बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने द इंडियन एक्सप्रेस ने कहा, “अगर हम अदालत का आदेश आने से पहले कैबिनेट विस्तार को लेकर जल्दबाजी करेंगे तो उद्धव ठाकरे गुट इसे अदालत में चुनौती दे देगा। इससे बेहतर यह होगा कि हमें किसी भी तरह की कानूनी दिक्कतों से बचने के लिए थोड़ा इंतजार करना चाहिए।”
शपथ लेने के बाद से मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस कई बार दिल्ली का दौरा कर चुके हैं। यहां उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित बीजेपी के तमाम बड़े नेताओं से मुलाकात की है। लेकिन कैबिनेट का विस्तार क्यों नहीं हो पा रहा है, यह समझ से परे है। कैबिनेट विस्तार ना होने की वजह से शिंदे गुट के नेताओं में ज्यादा बेचैनी है।
विधायकों की महत्वाकांक्षा
महाराष्ट्र की कैबिनेट में मुख्यमंत्री सहित कुल 43 मंत्री बनाए जा सकते हैं। एकनाथ शिंदे के साथ आए विधायकों में 8 पूर्व मंत्री हैं। इनमें से 4 विधायक महा विकास आघाडी सरकार में कैबिनेट मंत्री थे जबकि चार विधायक राज्य मंत्री।
शिवसेना में हुई बगावत के बाद एकनाथ शिंदे के साथ आए पूर्व मंत्रियों के साथ ही विधायकों की भी राजनीतिक महत्वाकांक्षा है और वे मंत्री पद चाहते हैं। दादा भुसे, उदय सामंत, अब्दुल सत्तार, शंबुराज देसाई जैसे बड़े नेता ठाकरे सरकार में मंत्री रहे थे और वे कैबिनेट विस्तार के इंतजार में हैं।
क्योंकि एकनाथ शिंदे-बीजेपी की सरकार में बीजेपी के पास शिंदे गुट से कहीं ज्यादा विधायक हैं ऐसे में निश्चित रूप से बीजेपी अपने ज्यादा से ज्यादा नेताओं को मंत्रिमंडल में एडजस्ट करवाना चाहती है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के भी शिंदे कैबिनेट के विस्तार को लेकर सक्रिय होने की ख़बर आई थी। लेकिन फिर भी विस्तार नहीं हो सका है।
कैबिनेट विस्तार के बाद विभागों के बंटवारे को लेकर भी रार देखने को मिलेगी क्योंकि गृह, वित्त, पीडब्ल्यूडी, राजस्व जैसे बड़े विभागों को बीजेपी और शिंदे गुट दोनों ही लेना चाहेंगे।
एकनाथ शिंदे और बीजेपी ने मिलकर महाराष्ट्र में सरकार तो बना ली है लेकिन कैबिनेट का विस्तार सहित कई अहम मसले हैं जिनसे पार पाना दोनों के लिए आसान नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट ठाकरे और शिंदे गुट की याचिकाओं पर 8 अगस्त को फैसला सुना सकता है। एकनाथ शिंदे गुट और बीजेपी सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ही कैबिनेट विस्तार की दिशा में आगे बढ़ेंगे, ऐसा तय माना जा रहा है।
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