महाराष्ट्र में सियासी समीकरण तेजी से बदलते नजर आ रहे हैं। कुछ दिन पहले जहां राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुलाकात ने महाराष्ट्र की राजनीति में नई सुगबुगाहट पैदा की थी, वहीं अब एनसीपी प्रमुख शरद पवार और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की मुलाकात ने सियासी माहौल को गरमा दिया है।
इन दो अलग-अलग मुलाकातों के बाद महाराष्ट्र की राजनीति को लेकर अटकलों का बाज़ार गर्म हो गया। अभी ये दोनों मामले थमे भी नहीं हैं कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर रस्साकशी शुरू हो गयी है।
ढाई साल का करार नहीं
एनसीपी और शिव सेना के ढाई-ढाई साल के सीएम की बात सामने आने के बाद शिव सेना सांसद संजय राउत ने साफ कर दिया है कि उद्धव ठाकरे ही पूरे पांच साल तक महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रहेंगे। राउत ने कहा कि एनसीपी और शिव सेना के बीच महाविकास अघाड़ी सरकार के कायम होने के वक़्त में ऐसा कोई करार नहीं हुआ था कि दोनों पार्टियों का ढाई-ढाई साल का मुख्यमंत्री होगा।
शिव सेना नाराज!
उन्होंने कहा है कि शिव सेना, कांग्रेस और एनसीपी की सरकार जब कॉमन मिनिमम प्रोग्राम के तहत बनी थी तो उस समय शिव सेना को पांच साल तक के लिए मुख्यमंत्री पद देने की बात हुई थी, ऐसे में इस तरह की बातों का सामने आना ठीक नहीं है। कुल मिलाकर राउत ने ये साफ कर दिया है कि पूरे पांच साल तक उद्धव ठाकरे ही महाराष्ट्र की कमान संभालेंगे।
दूसरी ओर, एनसीपी ने ढाई-ढाई साल वाले सीएम के फ़ॉर्मूले पर कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया है। एनसीपी के मुंबई अध्यक्ष और महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नवाब मलिक का कहना है कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। इस बारे में पार्टी अध्यक्ष शरद पवार ही सही जानकारी से सकते हैं।
पिछले काफी समय से एनसीपी और शिव सेना महाराष्ट्र में सभी चुनाव एक साथ लड़ने की बात कहते रहे हैं लेकिन कांग्रेस अपने इन दोनों सहयोगी दलों से सहमत नहीं दिखाई दे रही है।
कांग्रेस के अलग सुर
महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले ऐसा कोई भी मौका नहीं छोड़ रहे हैं जिससे सरकार पर हमला ना कर सकें। पटोले कई बार सार्वजनिक तौर पर कह चुके हैं कि कांग्रेस अगला चुनाव अपने दम पर लड़ेगी। पटोले ने फिर कहा है कि अगला विधानसभा और लोकसभा चुनाव कांग्रेस अकेले लड़ेगी।
मुंबई कांग्रेस के अध्यक्ष भाई जगताप भी मुंबई महानगरपालिका के चुनाव में अकेले दम भरने का एलान कर चुके हैं। ऐसे में अगर कांग्रेस इसी जिद पर अड़ी रही तो तीनों दलों का गठबंधन महाराष्ट्र में बीजेपी को टक्कर देने में नाकाम हो सकता है।
नाना पटोले के बयान
नाना पटोले का कहना है कि कांग्रेस का हर कार्यकर्ता चाहता है कि उनकी पार्टी का मुख्यमंत्री हो। पटोले ने अमरावती में एक कार्यक्रम में कहा कि कांग्रेस हाई कमान ने उन्हें राज्य की जिम्मेदारी सौंपी है ऐसे में राज्य के फैसले लेना भी उनकी ही जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि वे अपनी पार्टी के विचार रखने के लिए स्वतंत्र हैं और दूसरी पार्टी का कोई नेता कांग्रेस के विचार नहीं रख सकता।
शरद पवार के बारे में सवाल पूछने पर पटोले ने कहा कि शरद पवार ने क्या कहा, उन्हें कोई जानकारी नहीं है, लेकिन राज्य में अगले सभी स्थानीय निकाय चुनावों से लेकर विधानसभा और लोकसभा चुनावों में पार्टी अकेले ही चुनाव लड़ेगी।
बता दें कि हाल ही में शरद पवार ने कहा था कि महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी सरकार अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी और तीनों पार्टियां यानी कांग्रेस-एनसीपी और शिव सेना मिलकर अगले विधानसभा व लोकसभा चुनाव साथ लड़ेंगी। पवार ने यह बयान प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की मुलाकात के बाद दिया था।
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