महाराष्ट्र में शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के सामने अब विधानसभा में बहुमत साबित करने की चुनौती है। अजीत पवार के एनसीपी से बग़ावत करने के बाद बने राजनीतिक हालात का तो इन तीनों दलों ने मिलकर सामना कर लिया लेकिन अब विधानसभा में भी इसी एकजुटता को दिखाते हुए इन्हें इस चुनौती से पार पाना होगा। तीनों दलों के नेताओं ने मंगलवार रात को महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाक़ात कर सरकार बनाने का दावा पेश किया था और राज्यपाल को विधायकों के समर्थन की चिट्ठी सौंप दी थी। तीनों दलों की ओर से 166 विधायकों के समर्थन की चिट्ठी राज्यपाल को सौंपी गई है। 288 सदस्यों वाली महाराष्ट्र की विधानसभा में सरकार बनाने के लिए 145 विधायकों की ज़रूरत है। राज्यपाल ने उद्धव ठाकरे से 3 दिसंबर तक बहुमत साबित करने के लिए कहा है। ठाकरे 28 नवंबर को मुंबई के शिवाजी पार्क में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। उद्धव ने बुधवार सुबह अपनी पत्नी रश्मि ठाकरे के साथ राज्यपाल से मुलाक़ात की।
इससे पहले मंगलवार शाम को मुंबई में शिवसेना-कांग्रेस-एनसीपी की साझा बैठक में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को आम सहमति से संयुक्त विधायक दल का नेता चुन लिया गया। शिवसेना के विधायक दल के नेता एकनाथ शिंदे ने ठाकरे के नाम का प्रस्ताव किया। समाजवादी पार्टी के अबू आज़मी और स्वाभिमान पक्ष के सांसद राजू शेट्टी ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया।
ठाकरे ने तीनों दलों के गठबंधन महाविकास अघाडी विधायक दल का नेता चुने जाने पर खुशी जताते हुए सोनिया गाँधी को धन्यवाद कहा। उन्होंने ट्वीट किया, ‘मैंने राज्य का नेतृत्व करने के बारे में कभी सोचा भी नहीं था। मैं सोनिया गाँधी और दूसरे लोगों को धन्यवाद अदा करता हूँ। हम लोग एक-दूसरे पर भरोसा कर देश को नई दिशा देने की कोशिश कर रहे हैं।’
शिवसेना प्रमुख ने कहा कि ‘मेरे हिन्दुत्व में ग़लत लोगों को साथ नहीं देने की बात कही गई है।’ उन्होंने शरद पवार की तारीफ़ करते हुए कहा कि ‘उनकी सरकार को पवार साहेब के अनुभव का लाभ मिलेगा।’ उन्होंने यह भी कहा कि ‘उन्हें अच्छी तरह मालूम है कि मुख्यमंत्री की कुर्सी में कई कीलें लगी होती हैं।’
उद्धव ठाकरे ने भारतीय जनता पार्टी पर हमला करते हुए कहा कि जो लोग 30 साल से हमारे साथ थे, उन्होंने ही हम पर भरोसा नहीं किया। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि दोस्ती तो बीजेपी ने तोड़ी है। इसके साथ ही ठाकरे ने यह भी कहा कि वे दिल्ली जाकर मोटा भाई (बड़े भाई) यानी नरेंद्र मोदी से ज़रूर मिलेंगे।
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शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने कहा है कि शपथ ग्रहण समारोह के लिए गृह मंत्री अमित शाह को न्यौता दिया जाएगा। मीडियाकर्मियों ने संजय राउत से पूछा, 'क्या शपथ ग्रहण समारोह के लिए पीएम मोदी को आमंत्रित किया जाएगा?' इसके जवाब में राउत ने कहा, 'हाँ, हम सभी को आमंत्रित करेंगे। हम अमित शाह जी को भी आमंत्रित करेंगे।
इसके पहले मंगलवार को ही मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस्तीफ़ा दे दिया। फडणवीस ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस में इस्तीफ़ा देने की घोषणा की। प्रेस कॉन्फ़्रेंस के बाद फडणवीस ने राजभवन जाकर राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को इस्तीफ़ा सौंप दिया। फडणवीस से पहले एनसीपी के बाग़ी नेता अजीत पवार ने भी उप मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा दे दिया। राज्यपाल ने 23 नवंबर को दोनों नेताओं को शपथ दिलाई थी। इसके बाद शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था और अदालत ने दो दिन तक सुनवाई के बाद बुधवार को फ़्लोर टेस्ट कराने का आदेश दिया था।
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