महाराष्ट्र में शिव सेना शिंदे गुट को ही असली शिवसेना मानने के विधानसभा अध्यक्ष के फैसले पर शिवसेना (यूबीटी) के नेताओं- सांसदों ने कड़ा विरोध किया है। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और उद्धव ठाकरे ने कहा है कि स्पीकर का जो आदेश आया है वह लोकतंत्र की हत्या है।
उन्होंने इसे सुप्रीम कोर्ट के फैसले का भी अपमान बताया है। कहा है कि, सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा था कि राज्यपाल ने अपने पद का दुरुपयोग किया है और गलत फैसला लिया है। उद्धव ठाकरे ने कहा कि हम ये लड़ाई आगे लड़ेंगे और हमें सुप्रीम कोर्ट पर पूरा भरोसा है।
उन्होंने कहा है कि हम जनता के बीच रहे हैं, जनता के बीच रहेंगे और जनता के लिए जनता को साथ लेकर हम लड़ेंगे।
इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए सांसद संजय राउत ने कहा है कि आज का फैसला कोई न्याय नहीं है यह एक षड्यंत्र है। हम इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जरूर जाएंगे। हमारी लड़ाई न्यायालय में जारी रहेगी।
उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी का यह बहुत बड़ा और पुराना षडयंत्र रहा है, सपना रहा है कि एक दिन बाला साहब की शिवसेना को खत्म कर देंगे। लेकिन शिवसेना खत्म नहीं होगी। शिव सेना महाराष्ट्र की जनता में है, लोगों की रगों में है।
विधानसभा के अध्यक्ष को ट्रिब्यूनल का अधिकार सुप्रीम कोर्ट ने दिया था। उन्हें सुप्रीम कोर्ट ने संविधान के आधार पर इतिहास निर्माण करने का बहुत बड़ा मौका दिया था लेकिन उन्होंने इस मौके को गंवाया है। इतिहास उन्हें याद रखेगा।
वहीं इस फैसले के बाद शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुवेर्दी ने कहा है कि मैं स्पीकर के फैसले से बिल्कुल भी आश्चर्यचकित नहीं हूं। हमने सुना था 'वही होता है जो मंजूर-ए-खुदा' होता है'। बाद में कहा गया कि वहीं होता है जो मंजूर-ए-संविधान होता है।
2014 के बाद एक नई परंपरा शुरू हुई है 'वही होता है जो मंजूर-ए-नरेंद्र मोदी और अमित शाह होता है'। यही हम महाराष्ट्र में होते हुए देख रहे हैं। यह मौकापरस्ती है। जिस चीज़ को सुप्रीम कोर्ट ने 'अवैध' और 'असंवैधानिक' कहा था, उसे वैध करने का काम हो रहा है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है। इस निर्णय को जनता देख रही है कि किस तरह से नाइंसाफी हुई है, एक पार्टी को कैसे तोड़ा गया है।
महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष द्वारा शिंदे गुट को ही असली" शिव सेना बताए जाने पर एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने भी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि इस फैसले के बाद अब उद्धव ठाकरे को सुप्रीम कोर्ट जाना होगा। उन्हें सुप्रीम कोर्ट में न्याय मिलने की उम्मीद है।
वहीं एनसीपी-शरद पवार गुट के नेता जितेंद्र आव्हाड ने कहा है कि महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष द्वारा लिया गया निर्णय असंवैधानिक था। महाराष्ट्र की जानता को समझ आ चुका है कि वे पार्टियां और उनके नेताओं को खत्म करना चाहते हैं तो ये महाराष्ट्र की जनता सहन नहीं करेगी।
सीएम एकनाथ शिंदे ने इसे लोकतंत्र की जीत बताया
महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर के फैसले पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा है कियह सत्यमेव जयते है। सत्य की जीत हुई है। लोकशाही की जीत हुई है। आज स्पीकर ने जो फैसला सुनाया है वो लोकतंत्र की जीत है। उन्होंने कहा कि जो लोग प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की तरह पार्टी चलाते हैं यह उनकी हार है। यह घरानेशाही, परिवारवाद और हुकुमशाही की हार है।
यह बहुत बड़ा सबक है। लोकतंत्र में कोई भी पार्टी को प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की तरह नहीं चला सकते हैं। उन्होंने गलत निर्णय लिया था, इसलिए ही चुनाव आयोग ने हमे रियल पार्टी माना और चुनाव चिन्ह्र दिया। जिनके पास अब बहुमत नहीं है वह हमे निकाल नहीं सकते। यह लोकशाही की जीत है।
वहीं अपने फैसले पर महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने कहा है कि जो लोग ऐसे समझते हैं कि इसमें किसी प्रकार की अनियमतता हुई है, तो क्या अनियमतता हुई है पहले वो बताएं? केवल आरोप लगाना आसान है लेकिन उन आरोपों को सिद्ध करना या कारण बताना बहुत मुश्किल है खासकर की तब जब निर्णय शास्वत होता है, कानून के आधार पर लिया हुआ होता है।
सीएम से हुई मुलाकात को लेकर उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष के नाते मेरी कई जिम्मेदारी है। मुख्यमंत्री से कई विषयों पर चर्चा करनी होती है। मेरी मुलाकात 3 तारीख को तय हुई थी, लेकिन तबियत ठीक नहीं होने के कारण उसे तब टालना पड़ा था।
होने के साथ ही मैं एक विधायक भी हूं, इसलिए मुख्यमंत्री से मिलना होता है। मैं छुप कर उनसे नहीं मिला हूं। संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति के उपर इस तरह के आरोप लगाना संवैधानिक संस्था का अपमान करने के बराबर है।
अपनी राय बतायें