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एमवीए के मार्च में शनिवार को ठाकरे परिवार ।

महाराष्ट्र के गद्दारों को मिट्टी में दफन किए बिना चैन से नहीं बैठेंगे : उद्धव

मुंबई में शनिवार को महाविकास आघाड़ी के मार्च के बाद विशाल जनसमूह को संबोधित करते हुए महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर हमला बोला। उद्धव ने कहा कि महाराष्ट्र के गद्दारों को मिट्टी में दफन करने से पहले वह चैन से नहीं बैठेंगे। ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र की जनता छत्रपति महाराज का अपमान करने बालों को जल्द महाराष्ट्र से बाहर भेजेगी।
उद्धव ठाकरे ने कहा कि देश ने कई सालों के बाद इतना बड़ा मार्च देखा है। उन्होंने कहा “इस मार्च में मैं अकेला नहीं चला बल्कि महाराष्ट्र के साथ गद्दारी करने वालों का विरोध करने के लिए हजारों लोग मेरे साथ चले। आज महाराष्ट्र के गद्दारों को छोड़कर सभी दल एकजुट हैं। राज्यपाल, राष्ट्रपति के राजदूत होते हैं लेकिन आज इस पद की गरिमा को लेकर सवाल उठ रहे हैं। मैं भगत सिंह कोश्यारी को राज्यपाल नहीं मानता। ठाकरे ने कहा कि आगरा से भागकर छत्रपति शिवाजी महाराज ने स्वराज्य की स्थापना की लेकिन शिंदे सरकार के एक कैबिनेट मंत्री इसकी तुलना महाविकास आघाडी सरकार के साथ गद्दारी करने वालों से करते हैं।
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ठाकरे ने कहा कि इन लफंगों को छत्रपति का नाम लेने का भी अधिकार नहीं है। यह उन लोगों की वैचारिक दरिद्रता है जो महापुरुष के नाम पर वोट की भीख मांगते हैं। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि आज का मार्च एक शुरुआत है और हम तब तक नहीं रुकेंगे जब तक हम महाराष्ट्र के गद्दारों को मिट्टी में दफन नहीं कर देते। जिस समय उद्धव ठाकरे इस मार्च में पैदल चल रही थी उस दरम्यान ठाकरे की पत्नी रश्मि ठाकरे और उनके बेटे आदित्य ठाकरे भी एमवीए के इस मार्च में महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ बिगुल फूंक रहे थे। 
रैली को संबोधित करते हुए एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि संयुक्त महाराष्ट्र के सवाल पर मुंबई में इस तरह के मार्च पहले से होते रहे हैं लेकिन आज का मार्च काफी बड़ा है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र एक अलग राज्य बन गया लेकिन कुछ गांव अभी तक महाराष्ट्र में शामिल नहीं किए गए हैं और उसके लिए संघर्ष अभी भी जारी है। पवार ने कहा कि हम सभी आज के मार्च में महाराष्ट्र के सम्मान के लिए एक साथ आए हैं।
उन्होंने कहा “ सत्ता में बैठे लोग छत्रपति शिवाजी महाराज का अपमान कर रहे हैं, जिसे हम लोग कभी बर्दाश्त नहीं करेंगे। सरकार के एक मंत्री ने महात्मा फुले, डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर, कर्मवीर भाऊराव पाटिल का अपमान किया है। पवार ने कहा कि जब शिक्षा की कोई व्यवस्था नहीं थी तो इन महापुरुषों ने साधारण घरों के बच्चों के लिए शिक्षा के द्वार खोल दिए थे लेकिन एक मंत्री कहते हैं कि इन महापुरुषों ने भीख मांगी थी। 

जब से राज्य में नई सरकार आई है महापुरुषों को बदनाम करने की होड़ शुरू हो गई है, लेकिन महाराष्ट्र की जनता ऐसे लोगों को सबक सिखाए बिना नहीं रहेगी।


-शरद पवार, अध्यक्ष, एनसीपी, 17 दिसंबर को मुंबई में

उधर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा है कि जब से राज्य में शिंदे-फडणवीस सरकार सत्ता में आई है, सीमा विवाद का मुद्दा उठा कर सीमावर्ती गांवों को पड़ोसी राज्य को दिए जाने की मांग जोर पकड़ रही है। इसके अलावा महापुरुषों का अपमान, सीमा विवाद, महंगाई व बेरोजगारी का मुद्दा भी काफी अहम है। उन्होंने कहा कि शनिवार को महाविकास आघाडी का महामोर्चा इन सभी मुद्दों को लेकर शिंदे-फडणवीस सरकार को अल्टीमेटम देने के लिए आयोजित किया गया। 

पटोले ने कहा कि स्वर्गीय यशवंतराव चव्हाण जब से महाराष्ट्र की स्थापना के लिए मंगल कलश लेकर आए हैं, तब से महाराष्ट्र को एकजुट रखने की कोशिश की जा रही है, लेकिन अब राज्य में शिंदे-फडणवीस (ईडी) सरकार के आने के बाद महाराष्ट्र के टुकड़े करने की साजिश रची जा रही है ,लेकिन हम बीजेपी को इस मंसूबे को कभी कामयाब नहीं होने देंगे।
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विधानसभा में विपक्ष के नेता और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता अजित पवार ने कहा कि महाराष्ट्र के स्वाभिमान को बनाए रखने के लिए यह मोर्चा निकाला गया है। उन्होंने कहा कि भाजपा नेता लगातार महापुरुषों का अपमान कर रहे हैं लेकिन भाजपा नेताओं के पीछे मास्टरमाइंड कौन है, इसका खुलासा होना चाहिए। अगर कोई गलत बोलता है तो माफी मांगी जाती है, लेकिन बीजेपी जानबूझकर इस तरह का बयान दे रही है। 

अजित पवार ने कहा कि महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार और मोदी सरकार दोनों विपक्ष की एकता से घबरा गए हैं। अघाड़ी के इस महा मोर्चे में कांग्रेस शिवसेना और एनसीपी के अलावा समाजवादी पार्टी, सीपीआई और दूसरे छोटे दलों ने भी हिस्सा लिया।
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सोमदत्त शर्मा
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