फ़िल्म अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की रहस्यमय स्थितियों में मौत और उससे जुड़ी राजनीति रोज़ ही नयी करवट ले रही है। महाराष्ट्र बनाम बिहार में तब्दील हो रहे इस विवाद में बुजुर्ग राजनेता शरद पवार ने बुधवार को चुप्पी तोड़ी और राज्य सरकार का बचाव किया। उन्होंने अपने भतीजे के बेटे पार्थ पवार को भी डाँट लगाई और उनके बयान को ‘अपरिपक्व’ क़रार दिया।
क्या कहा है शरद पवार ने?
पवार ने मुंबई पुलिस पर भरोसा जताते हुए कहा कि इसे मामला सुलझाने का मौका दिया जाना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने सीबीआई जाँच की बीजेपी माँग को भी सिरे से खारिज नहीं किया है।
इस परिप्रेक्ष्य में यह दिलचस्प है कि उनके भतीजे के बेटे ने बीजेपी की इस माँग का समर्थन किया था। इस पर पवार ने उसे लताड़ लगाई। महाराष्ट्र के इस बुजुर्ग राजनेता ने कहा, ‘हमने इस पर गंभीरता से नहीं सोचा है। यह अपरिपक्व बात है।’
इसके पहले महाराष्ट्र सरकार और सत्तारूढ़ दल शिवसेना ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए कहा था कि वह बिहार में होने वाले चुनाव को देखते हुए इस मुद्दे का राजनीतिक फ़ायदा उठाना चाहते हैं।
शरद पवार ने महाराष्ट्र सरकार और मुंबई पुलिस का बचाव करते हुए एनडीटीवी से कहा,
“
‘महाराष्ट्र की पुलिस पर मेरा पूरा भरोसा है। यदि इस पर विस्तृत जाँच के बाद भी कोई सीबीआई या किसी दूसरी एजेन्सी से जाँच कराना चाहता है तो मैं इसका विरोध नहीं करूंगा।’
उनके कहने का आशय यह है कि पहले महाराष्ट्र की पुलिस मामले की जाँच कर ले, उसकी रिपोर्ट आ जाए और उसके बाद भी किसी को संदेह हो तो सीबीआई से भी जाँच करवा ले। पर पहले महाराष्ट्र सरकार और पुलिस को तो अपना काम करने दे। एनसीपी के नेता ने एनडीटीवी से कहा,
“
‘मैं मुंबई पुलिस को पिछले 50 साल से जानता हूं। उस पर मेरा पूरा भरोसा है। मैं इस पर आरोप लगाना नहीं चाहता, यह इतना अहम मुद्दा नहीं है।’
ठाकरे का बचाव
इसके साथ ही उन्होंने इस मामले में विधायक और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे के किसी तरह जुड़े होने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा, ‘पता नहीं किस मक़सद से ठाकरे को इस मामले में घसीटा जा रहा है।’
इसके पहले बीजेपी ने इस मामले में ठाकरे परिवार का नाम लिया था। इसी तरह की बात शिवसेना ने बीते हफ़्ते कही थी। समझा जाता है कि शरद पवार का बयान उसका समर्थन है।
शिवसेना के नेता व प्रवक्ता संजय राउत ने कहा था, ‘सुशांत राजपूत मामले से आदित्य ठाकरे को क्या मतलब है? मुझे लगता है कि विपक्ष अभी भी इस तथ्य को नहीं पचा पा रहा है कि राज्य में शिवसेना की सरकार है।’
सुशांत सिंह आत्महत्या के मामले में ज़बरदस्त राजनीति चल रही है। शिवसेना ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला करते हुए कहा है कि उन्हें इस मामले में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' में छपे संपादकीय में कहा गया है कि 'पिछले कुछ सालों से सुशांत मुंबईकर थे, मुंबई ने उन्हें शोहरत दिलाई। संघर्ष के दिनों में बिहार उनके साथ नहीं खड़ा था।'
शिवसेना ने बिहार पुलिस के प्रमुख गुप्तेश्वर पांडेय पर भी सवाल उठाया है और जाँच में उनकी दिलचस्पी को उनकी निजी ज़िंदगी और राजनीतिक महात्वाकांक्षा से जोड़ दिया है।
अपनी राय बतायें