महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के दौरान राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रमुख शरद पवार पर जाँच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के द्वारा केस दर्ज किये जाने के बाद राज्य की सियासत में भूचाल आ गया है। एनसीपी पहले ही कह चुकी है कि उसके नेता को राजनीतिक बदले की भावना से निशाना बनाया जा रहा है।
न्यूज़ एजेंसी एएनआई से बात करते हुए राउत ने कहा, ‘जिस तरह से पूरे महाराष्ट्र का माहौल आपने बेवजह ख़राब कर दिया है, इसकी कोई ज़रूरत नहीं थी। महाराष्ट्र में चुनाव के दौरान आपने शरद पवार को मामले में घसीट लिया है जबकि सभी का कहना है कि बैंक में जो गड़बड़ी सामने आई है उसमें उस वक़्त शरद पवार का कोई संबंध नहीं था, पवार उस वक़्त न तो पावर में थे और न ही उस बैंक के निदेशक थे और न ही मेंबर थे। लेकिन अगर आपने पवार का नाम उसमें डाल दिया फिर भी सोच-समझकर ऐसा करना चाहिए था।’
राउत ने आगे कहा, ‘शरद पवार जैसा एक कद्दावर नेता इस राज्य में है, महाराष्ट्र में हर गाँव में, ज़मीन पर उनके कार्यकर्ता हैं और इसका रियेक्शन तो होगा ही।’
राउत ने आगे कहा कि ईडी कोई अमेरिका में बैठी संस्था नहीं है, हमारे ही देश में है, ऐसे में सरकार को इस मामले को देखना चाहिए था। राउत ने कहा कि पवार के मामले से एनसीपी को चुनाव के दौरान संजीवनी मिली है। राउत ने यह भी कहा कि अब इस मामले ने राजनीतिक रंग ले लिया है और पवार इससे सहानुभूति का लाभ ले सकते हैं।
अंग्रेजी अख़बार ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ के मुताबिक़, राउत ने कहा, ‘बाला साहेब ठाकरे के समय से ही हम उनकी (पवार की) आलोचना करते रहे और उनके ख़िलाफ़ चुनाव भी लड़े, कभी जीते-कभी हारे। हालाँकि महाराष्ट्र की राजनीति में जब भी कुछ ग़लत होता है हम एक-दूसरे के साथ खड़े हो जाते हैं। जब महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे से ईडी ने पूछताछ की थी शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे उनके समर्थन में आए थे।’ राउत ने कहा कि यहाँ तक कि अन्ना हज़ारे ख़ुद भी पवार पर कई बार हमला कर चुके हैं लेकिन उन्होंने भी कहा कि पवार की बैंक घोटाले में कोई भूमिका नहीं है।
अब इससे सवाल यह खड़ा हो रहा है कि कहीं बीजेपी इस मामले में अकेली न पड़ जाए। क्योंकि उसकी सहयोगी तक खुलकर इस बात को कह रही है कि पवार के ख़िलाफ़ किसी कार्रवाई से पहले सरकार को इस मामले को देखना चाहिए था। पहले से ही बीजेपी पर यह आरोप लग रहे हैं कि वह विपक्षी नेताओं को चुन-चुनकर निशाना बना रही है और अब महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के मौक़े पर पवार जैसे वरिष्ठ नेता पर कार्रवाई कहीं बीजेपी को भारी न पड़ जाये।
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