loader

शिंदे की देर रात तक बैठक क्यों; अजित की एंट्री से चुनौती बढ़ी?

एनसीपी से बगावत कर अलग हुए अजित पवार खेमे के महाराष्ट्र गठबंधन सरकार में शामिल होने के बाद लगता है कि बीजेपी और शिवसेना भी कई मुश्किलों का सामना कर रही हैं। शिंदे खेमे में कथित नाराजगी के मामले को छोड़ भी दें तो लगता है कि दूसरी परेशानियाँ भी कम नहीं हैं। तभी तो कैबिनेट विस्तार से पहले एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस के बीच देर रात तक बैठकें चलीं। ऐसा तब है जब कहा जा रहा है कि अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी को आवंटित किए जाने वाले कैबिनेट विभागों के बाद शिंदे खेमे में संभावित कटौती को लेकर नाराजगी की ख़बरें हैं।

बहरहाल, राज्य की कैबिनेट में विस्तार से पहले उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने सत्ता साझेदारी पर चर्चा के लिए गुरुवार देर रात मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मुलाकात की। रात 2 बजे तक चली बैठक में एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फड़णवीस ने तीसरे सहयोगी अजित पवार के प्रवेश के बाद कैबिनेट विस्तार पर चर्चा की। 

ताज़ा ख़बरें

दोनों नेताओं के बीच यह चर्चा एकनाथ शिंदे खेमे द्वारा उन ख़बरों का खंडन करने के कुछ घंटों बाद हुई जिसमें कहा गया था कि उनके विधायक सत्तारूढ़ गठबंधन में अजित पवार के आने से असहज थे। पार्टी ने कहा कि एकनाथ शिंदे की मुख्यमंत्री पद छोड़ने की कोई योजना नहीं है। पहले भी एकनाथ शिंदे खेमा अजित पवार खेमे को लेकर कड़ी नाराज़गी जता चुका था और इसने सरकार से अलग होने तक की चेतावनी दे दी थी। तब अजित पवार सरकार में शामिल नहीं हुए थे।

यह तब की बात है जब इसी साल अप्रैल महीने में महाराष्ट्र की राजनीति में उथल पुथल मची हुई थी। इसका कारण विधानसभा में तत्कालीन विपक्ष के नेता अजित पवार थे। उन दिनों खबरें आ रही थीं कि अजित पवार पार्टी तोड़कर बीजेपी से हाथ मिलाने जा रहे हैं। हालाँकि तब अजित पवार ने उन खबरों का खंडन कर दिया था। उन्होंने कहा था कि वे कहीं नहीं जा रहे हैं। 

इस मसले पर शिंदे शिवसेना के विधायक और प्रवक्ता संजय शिरसाट ने मीडिया से कहा था कि अजित पवार अगर एनसीपी छोड़कर बीजेपी या शिवसेना में शामिल होते हैं तो उनका स्वागत किया जाएगा, लेकिन अगर वे केवल पार्टी तोड़कर और कुछ विधायकों को साथ लेकर आते हैं और सरकार में शामिल होते हैं तो फिर शिवसेना सरकार से बाहर हो जाएगी।
महाराष्ट्र से और ख़बरें

बहरहाल, अब शिंदे खेमे के लोगों की नाराजगी की ख़बर को खारिज किया गया है। एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार शिवसेना नेता उदय सामंत ने कहा, 'हम इस्तीफा देने वाले नहीं बल्कि लेने वाले हैं। उनका नेतृत्व सभी को साथ लेकर चलने और धैर्य रखने का है। कल सभी विधायकों, सांसदों ने एकनाथ शिंदे पर भरोसा जताया है... यह सब (असंतोष की खबरें) एकनाथ शिंदे को बदनाम करने के लिए किया जा रहा है।'

एकनाथ शिंदे ने पार्टी के भीतर किसी भी मतभेद से भी इनकार किया है। मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा है, 'अब हमारी सरकार तीन दलों से बनी है, हमारे विधायकों की संख्या 200 से अधिक है। हमारी सरकार लगातार मज़बूत हो रही है। हमें पीएम मोदी और अमित शाह का समर्थन प्राप्त है।'

शिंदे का यह बयान तब आया है जब शिवसेना के कुछ विधायकों की नाराज़गी की ख़बर आई और इसी बीच अजित पवार की यह टिप्पणी कि वह 'मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं'। उनकी इस टिप्पणी ने भी राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी।

अजित पवार ने बुधवार को अपने चाचा शरद पवार पर हमला किया था और कहा था कि क्या आपका बेटा नहीं हूँ, इसलिए आशीर्वाद नहीं दे रहे हैं। उन्होंने कहा था कि अगर वह किसी के पेट से जन्म नहीं ले सके तो इसमें उनकी क्या गलती है। तब अजित ने महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनने की इच्छा व्यक्त की और इसके लिए अपने चाचा का आशीर्वाद मांगा था। उन्होंने कहा था, 'मुझे आपसे सारा प्यार मिला। मुझे आपसे बहुत कुछ मिला और मैं पांच बार डिप्टी सीएम बना। यह एक रिकॉर्ड है। लेकिन मैं डिप्टी सीएम ही बनकर रह गया हूं। मैं भी राज्य का नेतृत्व करना और मुख्यमंत्री बनना चाहता हूं।'

shinde fadnavis late night meeting amid cabinet expansion - Satya Hindi

अजित पवार के हमले के बीच एनसीपी के दिग्गज नेता शरद पवार ने कल 12 बागियों को निष्कासित कर दिया है। इनमें उनके भतीजे अजित पवार और पूर्व शीर्ष सहयोगी प्रफुल्ल पटेल भी शामिल हैं। हालाँकि अजित पवार के खेमे ने कहा है कि दिल्ली में शरद पवार की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक की कोई कानूनी वैधता नहीं है।

इधर, गुरुवार की बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए शरद पवार ने अपने भतीजे की उम्र को लेकर निशाना साधते हुए कहा, 'मैं अभी भी प्रभावी हूं, चाहे मैं 82 साल का हो जाऊं या 92 साल का।' 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

महाराष्ट्र से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें