महाराष्ट्र कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष संजय निरुपम ने आरोप लगाया है कि कुछ लोग राहुल गाँधी के वफ़ादारों को ख़त्म कर पूर्व पार्टी अध्यक्ष को कमज़ोर कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह जानबूझ कर और सोची समझी रणनीति के तहत किया जा रहा है। इसे साजिश क़रार देते हुए उन्होंने कहा कि यह बात अब पूरी तरह साफ़ हो चुकी है।
निरुपम ने बेहद तीखे अंदाज में कहा कि जो लोग राहुल गाँधी के नज़दीक हैं, उन्हें एक-एक कर ख़त्म किया जा रहा है। उन्होंने इसे साजिश क़रार दिया और कहा कि जानबूझ कर राहुल गाँधी को कमज़ोर किया जा रहा है। निरुपम ने कहा, 'मैं वरसोवा से एक आदमी को कांग्रेस का नामांकन दिलवाना चाहता था। इसे नहीं माना गया। इससे साफ़ है कि जो लोग राहुल गाँधी के नज़दीक हैं, उन्हें सोच समझ कर ख़त्म किया जा रहा है। शीर्ष पर बैठे लोग भेदभाव करते हैं। वे सिर्फ़ दूसरों को ख़त्म करने में लगे हुए हैं।'
निरुपम ने इस साजिश की बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि सोनिया गाँधी को चाटुकारों ने चारों तरफ से घेर लिया है, उन तक पूरी बातें पहुँच नहीं पाती हैं और उन्हें ज़मीनी हक़ीकत का पता नहीं है।
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चाटुकारों की लॉबी ने सोनिया गाँधी को घेर लिया है। उन्हें ग़लत जानकारी दी जा रही है। मैंने पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से अपनी आशंकाएँ बताई हैं, पर कुछ नहीं हुआ। मैं यही बात बार-बार क्यों कहूँ?
संजय निरुपम, पूर्व अध्यक्ष, महाराष्ट्र कांग्रेस
संजय निरुपम ने शीर्ष नेतृत्व की तीखी आलोचना करते हुए संकेत दिया है कि वह पार्टी छोड़ सकते हैं। उन्होंने कहा कि शीर्ष कांग्रेस नेतृत्व ज़मीनी सच्चाई से पूरी तरह कटा हुआ है क्योंकि उसके लोग चुनाव प्रचार करने मैदान में नहीं उतरते हैं। उन्हें पता ही नहीं है कि क्या कहाँ क्या हो रहा है। निरुपम ने यह भी कहा कि कांग्रेस में कार्यकर्ताओं से जानकारियाँ एकत्रित करने की कोई व्यवस्था नहीं होने के कारण भी यह दिक्क़त हो रही है।
संजय निरुपम ने कहा कि बग़ैर किसी सर्वे, जानकारी, या फ़ीडबैक के लोगों को टिकट बाँटा गया है। किसी को नहीं पता कि किसको क्यों टिकट दिया गया है या किसका टिकट क्यों कट गया। संजय निरुपम ने सोनिया गाँधी का नाम इस मामले में नहीं लिया, पर समझा जाता है कि वह एक तरह से कांग्रेस कार्यकारी अध्यक्ष पर ही हमला कर रहे थे। पर्यवेक्षकों का कहना है कि कई जगहों पर राहुल के वफ़ादारों को दरकिनार किया गया है। राहुल के पद से हटने और सोनिया के कार्यकारी अध्यक्ष बनने के बाद से ऐसा हो रहा है।
इसे हरियाणा कांग्रेस की उठापटक से समझा जा सकता है। हरियाणा कांग्रेस के हाल तक अध्यक्ष रहे अशोक तंवर को पद से हटा दिया गया और उनकी जगह भूपेदंर सिंह हुड्डा को कमान सौंप दी गई। तंवर ने बुधवार को अपने समर्थकों के साथ कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गाँधी के आवास के बाहर प्रदर्शन किया था। तंवर ने टिकट बेचने तक के आरोप लगाये थे और भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर जोरदार हमला बोला था। चुनाव से ऐन पहले पद से हटाये जाने के कारण तंवर ख़फ़ा हैं और इसका सीधा संदेश यह गया है कि कांग्रेस आलाकमान को भूपेंद्र सिंह हुड्डा के आगे झुकना पड़ा है।
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