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राज ठाकरे के बेटे को शिंदे कैबिनेट में लाना चाहती है बीजेपी?

महाराष्ट्र की सियासत में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को साथ लाकर शिवसेना में बड़ी फूट पैदा करने वाली बीजेपी एक नया दांव चलने जा रही है। महाराष्ट्र की सियासत से ऐसी खबर है कि बीजेपी ने राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना से संपर्क किया है। बीजेपी राज ठाकरे के बेटे अमित ठाकरे को एकनाथ शिंदे की कैबिनेट में लाना चाहती है। 

अमित ठाकरे को एकनाथ शिंदे की कैबिनेट में लाकर बीजेपी उन्हें शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे के मुकाबले में खड़ा करना चाहती है।

अमित ठाकरे को एकनाथ शिंदे की कैबिनेट में मंत्री बनाए जाने का प्रस्ताव बीजेपी नेता और उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का है। ऐसे में बीजेपी और फडणवीस की पूरी कोशिश उद्धव ठाकरे की शिवसेना के सियासी प्रभाव को लगातार कम करने की है। 

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आदित्य को लिया कैबिनेट में 

साल 2019 में महा विकास आघाडी की सरकार बनने के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने अपने बेटे आदित्य ठाकरे को कैबिनेट में लिया था। बेहद कम उम्र में ही उन्हें पर्यटन जैसा अहम मंत्रालय दिया गया था और साथ ही वह शिवसेना की युवा सेना के भी प्रमुख हैं। महा विकास आघाडी सरकार के दौरान आदित्य ठाकरे को सरकार के एक युवा चेहरे के रूप में आगे रखा गया। 

राज ठाकरे की उद्धव ठाकरे के साथ सियासी लड़ाई जगजाहिर है। राज ठाकरे ने शिवसेना संस्थापक और अपने चाचा बालासाहेब ठाकरे के द्वारा उद्धव ठाकरे को अपना सियासी उत्तराधिकारी घोषित करने के बाद अपनी राहें अलग कर ली थी और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना का गठन किया था।

एक वक्त में महाराष्ट्र विधानसभा में 13 विधायक जिताने वाली मनसे का राजनीतिक ग्राफ लगातार गिरता जा रहा है। हालांकि राज ने बीते दिनों हिंदुत्व के मुद्दे को जोर-शोर से उठाकर खुद को महाराष्ट्र की सियासत में फिर से जिंदा करने की कोशिश की है। अब जब महाराष्ट्र के अंदर उद्धव ठाकरे की हुकूमत जा चुकी है और एकनाथ शिंदे की सरकार में बीजेपी हावी है, ऐसे में बीजेपी राज ठाकरे के साथ मिलकर शिवसेना को महाराष्ट्र की सियासत में एक और झटका देना चाहती है। 

 Raj Thackeray son Amit Thackeray in Eknath Shinde cabinet - Satya Hindi

हालांकि अमित ठाकरे अभी विधान परिषद या विधानसभा के सदस्य नहीं हैं लेकिन उन्हें इनमें से किसी एक सदन का सदस्य बनाना बीजेपी के लिए मुश्किल नहीं होगा।  

बीजेपी की पूरी कोशिश अमित ठाकरे को आदित्य ठाकरे के सामने खड़ा करने की है। अमित ठाकरे अभी युवा हैं और सियासी रूप से उनकी सक्रियता महाराष्ट्र के अंदर बनी हुई है। ऐसे में बीजेपी अगर अमित ठाकरे को एकनाथ शिंदे की कैबिनेट में लाकर कुछ अहम मंत्रालय देती है तो इसे आदित्य ठाकरे की काट के रूप में ही देखा जाएगा। 

एकनाथ शिंदे गुट के द्वारा जबरदस्त झटका दिए जाने के बाद उद्धव ठाकरे बेहद कमजोर पड़ गए हैं। राष्ट्रपति के चुनाव में उन्हें एकनाथ शिंदे गुट के दबाव में आकर द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करना पड़ा। कई विधायक, पार्षद शिंदे गुट के साथ आ चुके हैं और सांसद भी उनके संपर्क में हैं।

मजबूत गठबंधन बनाने की कोशिश

राज ठाकरे भी हिंदुत्व की राजनीति करते हैं और आने वाले वक्त में बीएमसी के चुनाव, 2024 लोकसभा चुनाव और उसके 6 महीने बाद होने वाले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी एकनाथ शिंदे और मनसे के साथ मिलकर राज्य में एक मजबूत गठबंधन खड़ा कर सकती है।

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महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे-बीजेपी की हुकूमत का कैबिनेट विस्तार 19 जुलाई को होने की संभावना है। आने वाले दिनों में महाराष्ट्र की सियासत में कई बड़े सियासी घमासान देखने को मिल सकते हैं। 

निश्चित रूप से उद्धव ठाकरे और उनके सिपाहसालारों के लिए आने वाला वक्त मुश्किलों से भरा है। देखना होगा कि वह कैसे इन मुश्किलों से बाहर निकलेंगे।

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क़मर वहीद नक़वी
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