कल्पना सोरेन
जेएमएम - गांडेय
जीत
कल्पना सोरेन
जेएमएम - गांडेय
जीत
चंपाई सोरेन
बीजेपी - सरायकेला
जीत
पुणे पोर्शे केस में दो डॉक्टरों और एक चपरासी को 17 वर्षीय लड़के की ब्लड टेस्ट रिपोर्ट में हेराफेरी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। आरोप है कि पुणे में 19 मई की रात को नशे में पोर्शे कार चलाते हुए दो युवा सॉफ्टवेयर इंजीनियरों को कुचल दिया था, जिसमें उनकी मौत हो गई थी। .
सूत्रों के मुताबिक आरोपी के पिता जो पेशे से प्रॉपर्टी डीलर हैं, विशाल अग्रवाल ने कथित तौर पर डॉ. तावड़े से संपर्क किया। जांच में पता चला कि एक जनप्रतिनिधि ने डॉ. तावड़े को नाबालिग की मदद करने का निर्देश दिया था। हालांकि पुलिस के पास इस जनप्रतिनिधि के बारे में विश्वसनीय जानकारी है, लेकिन उसने नाम का खुलासा अभी नहीं किया है।
आरोपी किशोर किशोर प्रॉपर्टी डीलर परिवार से है। आरोप है कि उसके पिता और दादा ने उसे बचाने के लिए कानूनी प्रक्रिया को प्रभावित करने की कोशिश की। किशोर के पिता को भी गिरफ्तार किया गया है। उसके दादा को भी गिरफ्तार किया गया है क्योंकि परिवार के ड्राइवर ने आरोप लगाया था कि उन्हें परिवार के घर में कैद किया गया था, धमकी दी गई थी। ड्राइवर से कहा गया कि वो इस हादसे का दोष अपने सिर पर ले ले। मामले में अन्य गिरफ्तारियों में उन दो बार के कर्मचारी भी शामिल हैं, जहां किशोर उस रात गया था। अब तक हुई गिरफ्तारियों से साबित हो गया कि परिवार ने किशोर को बचाने के लिए खुलेआम पैसे और प्रभाव का इस्तेमाल किया।
दो सॉफ्टवेयर इंजीनियर अश्विनी कोष्ठा और अनीश अवधिया बाइक पर थे। किशोर द्वारा तेज रफ्तार में चलाई जा रही पोर्श ने पीछे से उनकी बाइक को टक्कर मारी। उनकी मौके पर ही मौत हो गई। किशोर को इस हादसे के 15 घंटे के भीतर मामूली शर्तों पर जमानत मिल गई। उससे सड़क हादसों पर 300 शब्दों का निबंध लिखने को कहा गया, 15 दिनों तक ट्रैफिक पुलिस के साथ काम करने और अपनी शराब पीने की आदत के लिए सलाह लेने को कहा गया। देशभर में इस मुद्दे पर गुस्सा फूट पड़ा। क्योंकि शराब पीकर लापरवाही से गाड़ी चलाने का मामला था और आरोपी को सिर्फ इसलिए बचाया जा रहा था कि वो एक पैसे वाले प्रॉपर्टी डीलर का बेटा है।
About Us । Mission Statement । Board of Directors । Editorial Board | Satya Hindi Editorial Standards
Grievance Redressal । Terms of use । Privacy Policy
अपनी राय बतायें