महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने विधानसभा का विशेष सत्र बुधवार को बुलाया है। प्रो-टेम स्पीकर कालिदास कोलाम्बकर सभी सदस्यों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाएंगे। बुधवार को सुबह 8 बजे से नई विधानसभा का पहला सत्र शुरू होगा।
मंगलवार रात शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के नेताओं ने मंगलवार रात को महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाक़ात कर सरकार बनाने का दावा पेश किया है। तीनों दलों के नेताओं ने राज्यपाल को विधायकों के समर्थन की चिट्ठी सौंप दी है। उद्धव ठाकरे 28 नवंबर को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे।
महाराष्ट्र में मंगलवार को तेजी से बदले घटनाक्रम में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और एनसीपी के बाग़ी नेता अजीत पवार ने उप मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा दे दिया। इसके बाद प्रोटेम स्पीकर कालिदास कोलांबकर को राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने शपथ दिलाई।
फडणवीस ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस में इस्तीफ़ा देने की घोषणा की थी और राजभवन जाकर राज्यपाल को इस्तीफ़ा सौंप दिया था। राज्यपाल ने 23 नवंबर को फडणवीस और पवार को शपथ दिलाई थी। शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था और राज्यपाल के फ़ैसले को चुनौती दी थी। अदालत ने दो दिन तक सुनवाई के बाद बुधवार को फ़्लोर टेस्ट कराने का आदेश दिया था। लेकिन उससे पहले पवार और फडणवीस ने इस्तीफ़ा दे दिया।
फडणवीस ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस में कहा कि महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगने के बाद अजीत पवार ने हमसे सरकार बनाने की बात की। फडणवीस ने कहा, ‘अजीत पवार के प्रस्ताव पर हमने उनसे चर्चा की और उनके समर्थन से सरकार बनाने की पहल की। अजीत पवार के इस्तीफ़े के बाद हमने यह निर्णय किया कि हम किसी दल के विधायक नहीं खरीदेंगे और इस्तीफ़ा देंगे।’ फडणवीस ने कहा कि अब दूसरे दल सरकार बनाएं, हम उन्हें शुभकामनाएं देते हैं।'
फ़्लोर टेस्ट से पहले ही देवेंद्र फडणवीस और अजीत पवार के इस्तीफ़ा देने को बीजेपी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। क्योंकि बीजेपी यह दावा कर रही थी कि उसके पास 170 विधायकों का समर्थन है। बीजेपी ने अजीत पवार के भरोसे ही महाराष्ट्र में सरकार बनाने का क़दम उठाया था और उसे उम्मीद थी कि अजीत पवार अपने साथ एनसीपी के कुछ विधायकों को तोड़कर लाएंगे। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। हालांकि पहले यह कहा गया कि अजीत पवार के पास 22 विधायक हैं लेकिन 24 घंटे के अंदर ही लगभग सभी विधायक एनसीपी में वापस चले गए।
162 से ज़्यादा विधायकों के समर्थन का दावा
शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस ने सोमवार शाम को मुंबई में अपने विधायकों की मीडिया के सामने परेड कराई थी और दावा किया था कि उनके पास 162 से ज़्यादा विधायकों का समर्थन है। विधानसभा चुनाव में शिवसेना को 56, एनसीपी को 54 और कांग्रेस को 44 सीटों पर जीत मिली थी। विधानसभा में सरकार बनाने के लिए 145 विधायक होने चाहिए। इसके अलावा समाजवादी पार्टी के दो विधायकों के साथ-साथ कुछ निर्दलीय विधायकों का भी समर्थन इन दलों को हासिल है।
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