बुधवार को एक बार फिर संसद के दोनों सदनों में हंगामा हुआ और इसके बाद राज्यसभा और लोकसभा को दिन में 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया। दोनों सदनों में कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी सांसदों ने महंगाई सहित कई मुद्दों पर नारेबाज़ी की।
कार्यवाही दोपहर 2 बजे फिर से शुरू हुई लेकिन राज्यसभा में विपक्षी दलों ने विरोध शुरू कर दिया। लगातार हंगामे के बीच सदन को गुरूवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया। उधर, लोकसभा में भी सांसदों ने नारेबाजी की और जीएसटी की बढ़ी दरों और मूल्य वृद्धि पर चर्चा की मांग की। इसके बाद सदन को 4 बजे तक के लिए स्थगित करना पड़ा। लेकिन 4 बजे कार्यवाही शुरू होने पर फिर से हंगामा हुआ और सदन को गुरूवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
इससे पहले महंगाई समेत तमाम मुद्दों को लेकर विपक्षी सांसदों ने संसद परिसर में प्रदर्शन किया है।
लोकसभा और राज्यसभा में बीते दो दिन भी हंगामे की भेंट चढ़ गए थे। दोनों दिनों में मूल्य वृद्धि, जीएसटी दर वृद्धि, अग्निपथ योजना और महंगाई के मुद्दे पर विपक्षी सांसदों ने नारेबाजी की जिस वजह से सदन में कामकाज नहीं हो सका।
संसद का यह सत्र 12 अगस्त तक चलेगा और इस दौरान केंद्र सरकार 32 विधेयकों को संसद में रखेगी। इन विधेयकों में छावनी विधेयक, बहु-राज्य सहकारी समिति विधेयक, उद्यमों का विकास और सेवा केंद्र विधेयक आदि शामिल हैं।
मॉनसून सत्र के शुरुआती दिनों को देखकर लगता है कि आने वाले कई दिन तक संसद में हंगामा और शोरगुल रहेगा और पूरा सत्र हंगामे की भेंट चढ़ सकता है। इससे पहले भी संसद के कुछ सत्रों में पेगासस जासूसी मामले और कृषि कानूनों को लेकर हंगामा हुआ था और सदन में कामकाज नहीं हो सका था।
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प्लेकार्ड, पैंफलेट पर रोक
बता दें कि राज्यसभा के महासचिव की ओर से एक लिखित आदेश में कहा गया था कि सांसद किसी भी तरह के प्रदर्शन, धरना, हड़ताल, उपवास या फिर कोई धार्मिक कार्यक्रम करने के उद्देश्य से संसद भवन के परिसर का इस्तेमाल ना करें। इसका विपक्ष ने विरोध किया था। संसद भवन में प्लेकार्ड, पैंफलेट आदि ले जाने पर रोक लगाई गई है।
लोकसभा सचिवालय की ओर से जारी किए गए बुलेटिन में कुछ शब्दों को असंसदीय करार दिए जाने पर अच्छा-खासा हंगामा हुआ था। विपक्ष के कई नेताओं ने कहा था कि वे इन शब्दों का इस्तेमाल जरूर करेंगे।
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