शिवसेना पर वास्तविक नियंत्रण किसका? यह लड़ाई आज तब और बढ़ गई जब उद्धव ठाकरे टीम ने कुछ नेताओं को पार्टी से निकाला तो एकनाथ शिंदे खेमे ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी भंग कर दी। जानिए दोनों खेमों ने आज क्या क्या फ़ैसले लिए।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे को आज एक और झटका दिया। जानिए, शिंदे ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी में क्या बदलाव किए और कितने सांसद उनके साथ दिखे।
शिवसेना के बागी और बीजेपी अक्सर एनसीपी, कांग्रेस और शिवसेना गठबंधन को अप्राकृतिक बताते रहे हैं। उस पर शिवसेना के मुखपत्र सामना में संजय राउत ने तीखी टिप्पणी की है। संजय राउत ने सवाल किया है कि जब एनसीपी और बीजेपी का गठबंधन 2019 में हुआ था तो वो क्या था, प्राकृतिक या अप्राकृतिक।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा है कि महाराष्ट्र में बीजेपी और शिवसेना की सरकार ढाई साल चलने वाली है। उन्होंने यह बात शिवसेना में अपने विरोधियों के लिए कही है।
बीजेपी की पूरी कोशिश अमित ठाकरे को आदित्य ठाकरे के सामने खड़ा करने की है। निश्चित रूप से इससे शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे और उनकी सियासत को एक और झटका लगेगा।
बीजेपी के वरिष्ठ नेता और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उद्धव ठाकरे से अभिवादन में ऐसा क्या कह दिया कि बीजेपी शिवसेना में विवाद हो गया? जानिए उद्धव ठाकरे ने अपनी पार्टी के नेताओं से क्या कहा।
आखिरकार शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने भी राष्ट्रपति पद की एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का समर्थन कर दिया। पार्टी के 16 सांसदों ने सोमवार को उनसे स्पष्ट कह दिया था कि वो मुर्मू को समर्थन करना चाहते हैं। आखिरकार उद्धव को झुकना पड़ा।
शिवसेना प्रमुख उद्धव अगर द्रौपदी मुर्मू के नाम का समर्थन करते हैं तो उन्हें कांग्रेस और एनसीपी की नाराजगी का सामना करना होगा जबकि यशवंत सिन्हा का समर्थन करने पर उन्हें पार्टी के भीतर एक और बगावत का सामना करना पड़ सकता है।
शिवसेना के 16 सांसदों ने राष्ट्रपति चुनाव में पार्टी की स्थिति स्पष्ट करने को कहा है। उसने उद्धव ठाकरे को कहना है कि वो द्रौपदी मुर्मू को वोट देगी या नहीं।
अदालत ने कहा कि इस मामले में कई याचिकाएं दायर की गई हैं और इसलिए इन्हें सुनने के लिए एक संवैधानिक बेंच का गठन करना होगा। क्या यह एकनाथ शिंदे गुट के लिए राहत है।
मुंबई में आरे जंगल को बचाने का संघर्ष फिर से शुरू हो गया है। उद्धव ठाकरे सरकार ने लोगों की मांग पर आरे जंगल से कार शेड परियोजना को दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया था। लेकिन मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने पद संभालने के चंद घंटों के अंदर इस फैसले को पलट दिया और आरे के जंगल में कार शेड परियोजना बनाने को हरी झंडी दिखा दी। यही वजह है कि आदित्य ठाकरे ने रविवार को मौके पर पहुंचकर आंदोलन को समर्थन दे दिया।