आईएफ़एससी को मुंबई के बजाय गुजरात ले जाने के फ़ैसले को लेकर महाराष्ट्र में राजनीति गरमा गयी है और इस मुद्दे पर केंद्र व महाराष्ट्र सरकार आमने-सामने है।
महाराष्ट्र में जिस पहले शख़्स का प्लाज़्मा थेरेपी से इलाज किया गया, उसकी मौत हो गई है। हालांकि दिल्ली सरकार ने कहा है कि वह इस थेरेपी से इलाज जारी रखेगी।
महाराष्ट्र विधानमंडल में अपने मनोनयन के प्रति राज्यपाल भगत सिंह कोश्यरी के रवैये को देखते हुए उद्धव ठाकरे ने बुधवार रात को प्रधानमंत्री से फ़ोन पर बात की। उन्होंने महाराष्ट्र में राजनीतिक हालात के बारे में चर्चा की।
महाराष्ट्र में क्या प्रेस की आज़ादी पर कुठाराघात हो रहा है? क्या मीडिया कर्मियों पर उद्धव ठाकरे सरकार नाजायज दबाव डाल रही है? या क्या लोगों की सोशल मीडिया पर अभिव्यक्ति पर भी पहरा लगा दिया गया है?
महाराष्ट्र में दो लड़ाईयाँ चल रही हैं, एक कोरोना के ख़िलाफ़ और एक राजनीतिक अस्थिरता को रोकने के लिए। मंत्रिमंडल ने उद्धव ठाकरे को विधायक मनोनीत करने का जो प्रस्ताव भेजा है, उसे राज्यपाल नहीं मानें तो क्या होगा?
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा है कि राज्य में जो कोरोना रोगी पाए गए हैं, उनमें से 80 प्रतिशत ऐसे हैं, जिनमें पहले से संक्रमण का लक्षण नहीं दिखा था।
देश भर में फैलाई जा रही धार्मिक नफ़रत के बीच मुंबई में भी एक ऐसा ही मामला आया है। एक व्यक्ति ने डेलिवरी लेने से कथित तौर पर इसलिए इनकार कर दिया क्योंकि डेलिवरी देने वाला व्यक्ति मुसलिम था।
पालघर में दो साधुओं और उनके साथ गाड़ी के एक चालक की लिंचिंग हुई। वहाँ स्थानीय सरपंच थीं। एनसीपी नेता थे। पुलिसकर्मी थे। भीड़ ने उन्हें दो घंटे से ज़्यादा समय तक पकड़ रखा था। फिर अचानक दो घंटे बाद ऐसा क्या हो गया कि भीड़ ने तीनों को मार डाला?
पालघर में दो साधुओं और उनके ड्राइवर की भीड़ के द्वारा पीट-पीटकर हत्या किए जाने के मामले में पुलिस ने 101 लोगों को गिरफ़्तार किया है और इसमें से एक भी शख़्स मुसलमान नहीं है।