अकेले महाराष्ट्र में कोरोना वायरस संक्रमण का मामला 2 लाख के पार पहुँच गया है। यह पहला और देश का एकमात्र राज्य है जहाँ संक्रमित हुए लोगों की संख्या दो लाख को पार की है।
पुणे के एक आदमी ने अपने लिए सोने का मास्क बनवाया है, जिस पर उसे लगभग 3 लाख रुपए खर्च करने पड़े हैं। ख़ुद उसी व्यक्ति को नहीं मालूम कि लाखों का यह मास्क कारगर है या नहीं।
महाराष्ट्र में 31 जुलाई तक लॉकडाउन बढ़ा दिया गया है। अब तक जिस तरह ज़रूरी वस्तुओं की दुकानें (दूध, सब्जी और दवाइयां) खुलती रही हैं, उसी तरह उन्हें छूट जारी रहेगी।
जल्द ही शिवराज मंत्रिमंडल का विस्तार होने की संभावना है। कैबिनेट के विस्तार में तो दिक्कतें आ ही रही हैं कैबिनेट पोर्टफ़ोलियो बँटवारा विवाद भी बनने की संभावना है।
दही हांडी पर कोरोना का असर इतना ज़्यादा है कि इस बार मुंबई सहित पूरे महाराष्ट्र में गोविंदा आला रे नहीं गूँजेगा। राज्य में पहली पार दही हांडी उत्सव नहीं होगा।
मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) आयुक्त इकबाल चहल ने दावा किया है कि जुलाई मध्य तक मुंबई में कोरोना के मामलों पर पूरी तरह नियंत्रण की योजना बनाकर काम किया जा रहा है।
कोरोना संक्रमण से महाराष्ट्र में इतनी बदतर स्थिति क्यों है? जितनी मौतें पूरे देश भर में हुई हैं उसकी क़रीब आधी (क़रीब 42 फ़ीसदी) मौतें महाराष्ट्र में हुईं। संक्रमण ज़्यादा क्यों? मौतें ज़्यादा क्यों? और ज़िम्मेदार कौन?
कोरोना संक्रमण के मामले में मुंबई में प्रशासन को जो बड़ी सफलता मिली है वह है एशिया की सबसे बड़े स्लम धारावी में। पहले की तुलना में कोरोना वायरस के मामले अब काफ़ी कम हो गए हैं।
मरीज़ों की गंभीर स्थिति में काम आने वाले उपकरणों की अस्पतालों में कमी की जैसी आशंका जताई जा रही थी, लगता है मुंबई में अब ऐसी स्थिति जल्द ही आने वाली है। आईसीयू बेड क़रीब-क़रीब भर चुके हैं और वेंटिलेटर भी अब गिने-चुने ही खाली हैं।
महाराष्ट्र के जलगाँव स्थिति सिविल अस्पताल के टॉयलेट में कोरोना के एक महिला रोगी की लाश 8 दिन तक सड़ती रही और अस्पताल कहता रहा कि वह महिला अपने घर चला गई।