मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के पास मिली विस्फोटक सामग्री के मामले में पूर्व एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा को गुरूवार को एनआईए ने गिरफ़्तार कर लिया है। इससे पहले एनआईए ने उनके घर पर छापा मारा था। सीआरपीएफ़ के सशस्त्र जवानों के साथ पहुँची एनआईए की टीम शर्मा को पूछताछ के लिए लिए एनआईए कार्यालय ले गई।
शर्मा को कुछ लोग एंटीलिया मामले में आरोपी और पूर्व एसिस्टेंट इंस्पेक्टर सचिन वाज़े के गुरु के तौर पर भी देखते हैं। एनआईए ने पहले संकेत दिए थे कि प्रदीप शर्मा उसके निशाने पर हैं। ऐसा इसलिए तो था ही कि उनका संबंध सचिन वाज़े से था, इसलिए भी कि अपराध के बाद शर्मा आरोपी से मिले थे। उनसे अप्रैल महीने में भी पूछताछ की गई थी।
प्रदीप शर्मा के ख़िलाफ़ यह कार्रवाई तब की गई है जब एंटीलिया मामले में इसी हफ़्ते संतोष शेलर नाम के एक शख्स को गिरफ़्तार किया गया है और उसे जून तक के लिए एनआईए हिरासत में भेज दिया गया है। एक रिपोर्ट के अनुसार एक फ़ोटोग्राफ़ में प्रदीप शर्मा और संतोष शेलर भी साथ दिखे थे, लेकिन शर्मा ने इसे यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि ऐसे हज़ारों लोगों के साथ उनकी तसवीर होगी। उनका कहना था कि शेलर के साथ तसवीर में होने का कुछ मतलब नहीं है। संतोष शेलार के अलावा आनंद पांडुरंग जाधव को भी 11 जून को गिरफ़्तार किया गया है और दोनों से पूछताछ की जा रही है।
एक समय में प्रदीप शर्मा एपीआई सचिन वाजे के सीनियर थे और उस दौर में दोनों ने कई एनकाउंटर भी किये थे।
प्रदीप शर्मा एनआईए के घेरे में सचिन वाजे की कॉल डिटेल के चलते आये हैं। एटीएस ने एनआईए को सौंपी अपनी रिपोर्ट में बताया था कि मनसुख हिरेन ने 4 मार्च को अंतिम कॉल अंधेरी ईस्ट के पास से की थी और इसके बाद उसका मोबाइल स्विच ऑफ हो गया था।
प्रदीप शर्मा अंधेरी ईस्ट में ही रहते हैं और इसी वजह से प्रदीप शर्मा एटीएस के घेरे में आ गए और एनआईए ने तब प्रदीप शर्मा से वाजे के साथ उनके संबंधों को लेकर पूछताछ की थी।
इस मामले में पूर्व पुलिस अधिकारी सचिन वाज़े द्वारा दिए गए बयान के कारण भी प्रदीप शर्मा एनआईए के निशाने पर थे। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार वाज़े ने पूछताछ में पहले संकेत दिया था कि जिलेटिन की छड़ें कथित तौर पर प्रतीप शर्मा के संपर्क के लोगों ने मुहैया कराई थीं।
सचिन वाज़े एनआईए की हिरासत में है। वह दोनों मामले में आरोपी है- मुकेश अंबानी के घर के पास मिले विस्फोटक सामग्री जिलेटिन की छड़ें मिलने के मामले में और मनसुख हिरेन की मौत के मामले में भी। हिरेन ने मौत से पहले कहा था कि जिस एसयूवी में वह विस्फोटक सामग्री मिली थी वह उसकी थी जो काफ़ी पहले ही चोरी हो गई थी। उसके इस खुलासे कुछ दिन बाद ही उसका शव एक नाले में मिला था।
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