केंद्र सरकार की एजेन्सी नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) और महाराष्ट्र सरकार के बीच टकराव बढ़ता ही जा रहा है।
इसमें गुरुवार को एक नाटकीय मोड़ आया जब सत्तारूढ़ दल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के वरिष्ठ नेता नवाब मलिक ने एनसीबी पर गंभीर आरोप लगाए।
उन्होंने कहा कि इस केंद्रीय एजेन्सी ने उनके दामाद समीर ख़ान और दूसरे दो लोगों को इस साल जनवरी में एक झूठे मामले में फँसा दिया।
क्या कहना है नवाब मलिक का?
नवाब मलिक ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर लोगों को दो तसवीरें दिखाईं और कहा कि ड्रग्स बरामदगी की जिस जगह को दिखाया जा रहा है, वह दरअसल एनसीबी का दफ़्तर है।
उन्होंने पहले उस तसवीर को दिखाया जिसके बारे में एनसीबी का कहना है कि वह ड्रग्स बरामदगी की जगह है।
उसके बाद उन्होंने फ़र्श और कुर्सियों की तसवीर दिखाई जिससे लगता है कि वह एनसीबी का दफ़्तर है। इससे यह लगता है कि ड्रग्स की बरामदगी एनसीबी के दफ़्तर में हुई।
फँसाने का आरोप
नवाब मलिक ने यह भी कहा कि एनसीबी का कहना है कि ड्रग्स की बरामदगी अपराध के स्थल से हुई थी।
एनसीपी के इस नेता ने एनसीबी पर दूसरे गंभीर आरोप भी लगाए। उन्होंने कहा कि दो सौ किलोग्राम गाँजा बरामद किया गया, लेकिन केमिकल एनलाइज़र रिपोर्ट में पाया गया कि वह हर्बल टुबैको यानी एक ख़ास किस्म का तंबाकू है, जो प्रतिबंधित नहीं है। उन्होंने कहा,
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यह वाकई चौंकाने वाला है कि एनसीबी के लोगों को तंबाकू और गाँजा में अंतर नहीं मालूम है।
नवाब मलिक, नेता, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी
मलिक ने कहा कि एनसीबी के लोगों के पास किट होता है, जिससे तुरन्त यह पता चल जाता है कि बरामद की हुई चीज ड्रग्स है या नहीं, इसके बावजूद ये लोग नहीं समझ पाए कि बरामद की गई वस्तु नारकोटिक्स है या नहीं। उन्होंने कहा,
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यह लोगों को झूठे मामले में फँसाने का साफ केस है और मैं यह बात पहले दिन से कह रहा हूँ कि फ़र्जीवाड़ा किया जा रहा है।
नवाब मलिक, नेता, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी
शरद पवार का आरोप
पवार का कहना है कि केंद्र सरकार सीबीआई, प्रवर्तन निदेशालय, इनकम टैक्स और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो का इस्तेमाल विपक्ष को दबाने के लिए कर रही है।
पवार ने एनसीबी के कामकाज पर सवाल उठाते हुए कहा है कि यह एजेंसी केंद्र सरकार के दबाव में काम करती है और फ़िल्म इंडस्ट्री को बदनाम कर रही है।
शरद पवार ने एनसीबी के कामकाज पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह केंद्र की बड़ी एजेंसी है, लेकिन मुंबई पुलिस की एन्टी नारकोटिक्स सेल के मुकाबले ड्रग्स के ख़िलाफ़ कम काम कर रही है। उन्होंने कहा कि एनसीबी ने पिछले कुछ महीनों में काफी कम मात्रा में ड्रग्स बरामद किया है जबकि मुंबई पुलिस की एएनसी ने ज्यादा ड्रग्स बरामद किया है।
शरद पवार ने आर्यन ख़ान मामले में कहा कि एनसीबी ने क्रूज़ पर छापेमारी के दौरान ऐसे गवाहों को चुना जिनके ऊपर पहले से केस दर्ज हैं। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि कहीं समीर वानखेड़े के ऐसे लोगों से पहले से तो संबंध नहीं हैं।
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