हेमंत सोरेन
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कल्पना सोरेन
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बीते कुछ दिनों से अलग ही ढपली बजा रहे महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले के सुर थोड़ा नरम पड़े हैं। पटोले ने रविवार को कहा है कि उनकी पार्टी पूरे पांच साल तक उद्धव ठाकरे सरकार का समर्थन करती रहेगी। पटोले बीते कुछ दिनों में कई बार सार्वजनिक तौर पर कह चुके हैं कि कांग्रेस अगला अगला विधानसभा और लोकसभा का चुनाव अकेले लड़ेगी।
इसके अलावा मुंबई कांग्रेस के अध्यक्ष भाई जगताप भी मुंबई महानगरपालिका के चुनाव में अकेले दम भरने का एलान कर चुके हैं।
कांग्रेस नेताओं के इन बयानों को देखते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और शिव सेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने जब यह कहा कि अगर महाराष्ट्र में गठबंधन की कोई भी पार्टी अकेले चुनाव मैदान में जाएगी तो जनता उसे चप्पलों से मारेगी तो पटोले के सुर नरम हुए हैं।
अब पटोले ने कहा है कि महाविकास अघाडी की सरकार को कांग्रेस की ओर से कोई परेशानी पेश नहीं आएगी। उन्होंने कहा कि पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बीजेपी को रोकने के लिए महागठबंधन में शामिल होना स्वीकार किया था।
पटोले ने कुछ दिन पहले अमरावती में एक कार्यक्रम में कहा था कि कांग्रेस हाई कमान ने उन्हें राज्य की जिम्मेदारी सौंपी है, ऐसे में राज्य के फैसले लेना भी उनकी ही जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा था कि वे अपनी पार्टी के विचार रखने के लिए स्वतंत्र हैं और दूसरी पार्टी का कोई नेता कांग्रेस के विचार नहीं रख सकता।
बीते कुछ दिनों में हुई ताबड़तोड़ मुलाक़ातों के कारण महाराष्ट्र की सियासत में खलबली मची हुई है। पहले मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुलाक़ात हुई, उसके बाद एनसीपी मुखिया शरद पवार और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के बीच 3 घंटे तक बैठक हुई और फिर पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस शरद पवार से मिलने उनके घर चले गए। इस बीच, कांग्रेस नेताओं के अकेले चुनाव लड़ने वाले बयानों ने भी सियासी माहौल को गर्म कर दिया।
यह भी कहा जा रहा है कि बीजेपी एनसीपी पर डोरे डाल रही है। कुछ महीने पहले अमित शाह और शरद पवार की एक गुपचुप मुलाक़ात को लेकर भी तमाम सवाल उठे थे। ऐसे में महाराष्ट्र की राजनीति में कब क्या हो जाए, कोई नहीं जानता। इससे पहले भी नवंबर, 2019 में एक सुबह जब लोग जागे भी नहीं थे, राज्य के अंदर मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री शपथ ले चुके थे।
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