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मुंबई में 14 लोगों की मौत और 69 लोगों के घायल होने का जिम्मेदार कौन

मुंबई में घाटकोपर में सोमवार को जिस बिलबोर्ड के गिरने से 14 लोगों की मौत हो गई और 69 अन्य घायल हो गए, उसकी जांच पिछले एक साल से अधिकारी कर रहे थे। इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट बता रही है कि अधिकारियों ने इसे हटाने के लिए कहा था। यह हैरानी की बात है कि अब कहा जा रहा है कि बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) के वार्ड कार्यालय ने सोमवार को ही संबंधित एजेंसी-मैसर्स ईगो मीडिया को नोटिस भेजकर इसे हटाने को कहा था। सवाल यह है कि सोमवार शाम को हादसा हुआ और सोमवार को ही नोटिस भेजा गया था, इसका क्या अर्थ लगाया जाए। एक तरफ तो कहा जा रहा है कि एक साल से जांच हो रही थी, इसके बावजूद उस जानलेवा बिलबोर्ड को नहीं हटाया गया।

बीएमसी का नियम है कि इतनी ऊंचाई पर अधिकतम 40×40 फीट के होर्डिंग ही लगाए जा सकते हैं। लेकिन जो बिलबोर्ड गिरा वह 120×120 फीट का था। सोमवार को दिए गए नोटिस में इस आकार का उल्लंघन पाया जा रहा है और हटाने को कहा जा रहा है। बहुत साफ है कि एक साल से जांच के नाम पर बीएमसी में क्या हो रहा होगा। देश के तमाम महानगरों में ऐसे बड़े-बड़े होर्डिंग जानलेवा होते जा रहे हैं। नगर निगमों की कमाई का यह बड़ा जरिया हैं लेकिन उससे ज्यादा अवैध कमाई इनके जरिए की जाती है। दिल्ली एनसीआर में तो राजनीतिक विज्ञापनों की आड़ में तमाम विज्ञापन एजेंसियां बड़ी कंपनियों से मोटी फीस लेकर उनके भी होर्डिंग इन्हीं के बीच में लगा देती हैं। विज्ञापन होर्डिंग महानगर और उससे छोटे शहरों में नगर निगमों में काली कमाई का गोरखधंधा बन चुके हैं।
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मुंबई का हादसा बड़ा है और अब सारी सफाई दी जा रही है। अब हमें बताया जा रहा है कि दिसंबर 2023 में और दो हफ्ते पहले अप्रैल में, बीएमसी के हार्टीकल्चर विभाग ने एजेंसी के खिलाफ पुलिस में शिकायत तक दर्ज कराई थी। अधिकारियों का कहना है कि बिलबोर्ड के दायरे में लगे सुबाबुल, पीपल और पेल्टोफोरम जैसे पेड़ रहस्यमय तरीके से नष्ट हो गए थे। हर नगर निगम के पास एक दस्ता होता है जो अवैध होर्डिंग को हटाता है। अगर आप एक साल से इसे अवैध बता रहे हैं तो क्या आपका दस्ता इसे हटाने का साहस नहीं जुटा पाया। यह सिर्फ लापरवाही नहीं है, यह एक अपराध है। जिसे होने दिया गया और 14 लोगों की मौत हो गई।

रेलवे पुलिस यानी जीआरपी ने 2020 में जमीन पर होर्डिंग लगाने के लिए निजी एजेंसियों के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू की थी। बाद में 2021 में जीआरपी ने होर्डिंग लगाने के लिए मेसर्स एगो मीडिया को नियुक्त किया था और एनओसी भी जारी की थी। फिलहाल उस प्लॉट पर चार होर्डिंग्स मौजूद हैं।

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क़मर वहीद नक़वी
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