मिलिंद देवड़ा रविवार को कांग्रेस छोड़ने के कुछ घंटों बाद ही महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना में शामिल हो गए। एकनाथ शिंदे ने पूर्व केंद्रीय मंत्री रहे देवड़ा को भगवा ध्वज भेंट कर शिव सेना में शामिल किया। शिवसेना में शामिल होते ही मिलिंद कांग्रेस पर टूट पड़े। उन्होंने कांग्रेस की जमकर आलोचना की और पीएम मोदी की तारीफ़ की।
शिवसेना में शामिल होने के बाद मिलिंद देवड़ा ने कहा, 'वही पार्टी जो इस देश को रचनात्मक सुझाव देती थी कि देश को आगे कैसे ले जाया जाए, अब उसका एक ही लक्ष्य है- पीएम मोदी जो भी कहते और करते हैं उसके खिलाफ बोलना। कल, दि वह कह दें कि कांग्रेस एक बहुत अच्छी पार्टी है, वे (कांग्रेसी) इसका विरोध करेंगे। मैं विकास, आकांक्षा, समावेशिता और राष्ट्रवाद की राजनीति में विश्वास करता हूं। मैं व्यक्तिगत हमलों, अन्याय और नकारात्मकता की राजनीति में विश्वास नहीं करता हूं।'
शिवसेना का दामन थामने के बाद उन्होंने कहा, 'मुझे सुबह से बहुत सारे फोन आ रहे हैं कि मैंने कांग्रेस पार्टी से अपने परिवार का 55 साल पुराना रिश्ता क्यों तोड़ दिया? मैं पार्टी के सबसे लंबे समय तक वफादार रहा, चुनौतीपूर्ण दशक में भी। दुर्भाग्य से, आज की कांग्रेस 1968 और 2004 की कांग्रेस से बहुत अलग है। अगर कांग्रेस और यूबीटी ने रचनात्मक और सकारात्मक सुझावों और योग्यता और क्षमता को महत्व दिया होता, तो एकनाथ शिंदे और मैं यहां नहीं होते। एकनाथ शिंदे को एक बड़ा निर्णय लेना था, मुझे एक बड़ा निर्णय लेना था'।
पूर्व केंद्रीय मंत्री मिलिंद देवड़ा ने राहुल गांधी की पूर्व से पश्चिम तक 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' शुरू होने से कुछ घंटे पहले ही कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने कांग्रेस के साथ अपने परिवार के 55 साल पुराने रिश्ते को खत्म कर दिया है। मिलिंद देवड़ा और कई अन्य कांग्रेस नेताओं को शिंदे वाली शिवसेना में शामिल करने की आधिकारिक घोषणा से कुछ घंटे पहले, एकनाथ शिंदे ने कहा था कि उन्हें घटनाक्रम की जानकारी नहीं है, लेकिन मिलिंद देवड़ा का पार्टी में स्वागत है।
मिलिंद देवड़ा को लेकर पिछले कई दिनों से अटकलें लगाई जा रही थीं। बताया जा रहा है कि उद्धव की शिवसेना और कांग्रेस के बीच सीट बंटवारे की बातचीत से वह असंतुष्ट थे। उन अटकलों को खत्म करते हुए मिलिंद देवड़ा ने रविवार को घोषणा की कि उन्होंने कांग्रेस को छोड़ दिया है। उन्होंने कहा, 'आज मेरी राजनीतिक यात्रा में एक महत्वपूर्ण अध्याय का समापन हुआ है। मैंने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से अपना इस्तीफा दे दिया है, जिससे पार्टी के साथ मेरे परिवार का 55 साल पुराना रिश्ता समाप्त हो गया है। मैं वर्षों से अटूट समर्थन के लिए सभी नेताओं, सहकर्मियों और कार्यकर्ताओं का आभारी हूं।'
मिलिंद देवड़ा मुंबई दक्षिण लोकसभा क्षेत्र से दो बार सांसद रहे हैं। 2019 में इसे उद्धव खेमे के सांसद अरविंद सावंत ने जीता था।
इंडिया गठबंधन के सहयोगी के रूप में उद्धव सेना और कांग्रेस के बीच सीट बंटवारे की बातचीत चल रही है। इसमें शिवसेना ने कहा है कि उसे उन सीटों पर चुनाव लड़ना चाहिए जो उसके पास पहले से हैं। इस हिसाब से देखा जाए तो दक्षिण मुंबई उद्धव सेना के पास जाएगी जबकि मिलिंद देवड़ा यहाँ से चुनाव लड़ना चाहते हैं। उद्धव सेना नेता संजय राउत ने कहा कि महाराष्ट्र में उद्धव सेना सबसे बड़ी पार्टी है और इसलिए कांग्रेस को महाराष्ट्र में शून्य से शुरुआत करनी चाहिए।
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