महाराष्ट्र में आदर्श आचार संहिता लागू होने से पहले महायुति सरकार ने अकेले एक महीने में करीब 146 फैसले लिए हैं। इनमें गाय को 'राजमाता-गौमाता' घोषित करने से लेकर इन्फ्रास्ट्रक्चर से जुड़ी परियोजनाएं, धारावी परियोजना के लिए अडानी समूह को भूमि पार्सल देने, राज्य में अल्पसंख्यकों के लिए निगम बनाने जैसे लोकलुभावन कदम शामिल हैं। राज्य में चुनाव को साम्प्रदायिक रूख देने का अभियान भी जारी है। उसकी जिम्मेदारी भाजपा समर्थक हिन्दू संगठन बखूबी निभा रहे हैं।
इन पर नजर डालिए
- 5 सितंबर को 13 फैसले
- 23 सितंबर को 23 फैसले
- 30 सितंबर को 40 फैसले
- 4 अक्टूबर को 32 फैसले
- 10 अक्टूबर को 38 फैसले
राज्य मंत्रिमंडल ने गुरुवार को केंद्र से 'नॉन-क्रीमी लेयर' के लिए अर्हता प्राप्त करने के लिए आय सीमा को मौजूदा 8 लाख रुपये से बढ़ाकर 15 लाख रुपये प्रति वर्ष करने का अनुरोध करने का निर्णय लिया। आदित्य ठाकरे ने कहा- नॉन क्रीमी लेयर की इनकम के बारे में शिंदे सरकार को अब याद आया। अगर उन्हें फायदा पहुंचाना था तो दो साल पहले फैसला लिया होता।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के कार्यालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, महाराष्ट्र राज्य अनुसूचित जाति आयोग को संवैधानिक दर्जा देने के लिए एक मसौदा अध्यादेश को भी मंजूरी दी गई।
गुरुवार को लिए गए फैसलों में तीन नए निजी विश्वविद्यालयों को मंजूरी, धारावी पुनर्वास के लिए बोरीवली में भूमि पार्सल, मदरसा शिक्षकों के लिए वेतन 6,000 रुपये से बढ़ाकर 16,000 रुपये करना शामिल है।
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