महाराष्ट्र में हुए सियासी घटनाक्रम के बाद एनसीपी और शिवसेना के नेताओं ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस की। प्रेस कॉन्फ़्रेंस में एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि यह फ़ैसला अजीत पवार का है और एनसीपी की विचारधारा के ख़िलाफ़ है।
पवार ने कहा, ‘हमें जो कार्रवाई करनी है, हम करेंगे। हम राज्य में सरकार बनाएंगे। मुझे अजीत पवार के उप मुख्यमंत्री बनने का अचानक पता चला। अजीत पवार के ख़िलाफ़ एनसीपी की अनुशासन कमेटी फ़ैसला करेगी।’
पवार ने कहा, ‘मुझे सुबह साढ़े 6 बजे शपथ के बारे में जानकारी दी गई। पार्टी विधायक दल के नेता के चयन के दौरान विधायकों के हस्ताक्षर लिए गए थे और आशंका है कि इस हस्ताक्षर वाली चिट्ठी को ही राजभवन में दिया गया होगा। प्रेस कॉन्फ्रेंस में शरद पवार अपने साथ कुछ एनसीपी विधायकों को भी लेकर आए। इन विधायकों ने पवार के साथ होने की बात कही है। पवार ने कहा कि हमारे पास 156 विधायकों का समर्थन है और एनसीपी का जो भी कार्यकर्ता है, वह अजीत पवार के साथ नहीं जाएगा। पार्टी प्रमुख ने कहा कि एनसीपी का कोई भी कार्यकर्ता एनसीपी-बीजेपी की सरकार के समर्थन में नहीं है।
पूरा देश देख रहा है खेल: ठाकरे
प्रेस कॉन्फ्रेंस में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि जो खेल चल रहा है, उसे पूरा देश देख रहा है। ठाकरे ने कहा कि जानकारी मिली है कि राष्ट्रपति शासन हटाने के लिए सुबह केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक बुलाई गई थी। उन्होंने कहा कि शिवसेना ने जनादेश का सम्मान किया और हम जो भी करते हैं खुलेआम करते हैं।
पार्टी के प्रवक्ता नवाब मलिक ने भी कहा है कि हमने अपने सभी विधायकों के हस्ताक्षर लिए थे और इसी का दुरुपयोग शपथ लेने के लिए किया गया है। नवाब मलिक ने कहा कि यह सरकार धोखे से बनाई गई है और यह विधानसभा के फ़्लोर पर हार जाएगी। मलिक ने कहा कि सारे विधायक हमारे साथ हैं। दूसरी ओर, शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले ने अपने वॉट्सऐप स्टेटस में लिखा है कि परिवार और पार्टी दोनों टूट गए हैं।
क्या बीजेपी साबित कर पाएगी बहुमत?
कहा जा रहा है कि एनसीपी के 56 में 22 विधायक अजीत पवार के साथ हैं और कई जगह यह आंकड़ा 35 बताया गया है। इसके अलावा कुछ शिवसेना के विधायकों के भी बीजेपी के संपर्क में होने की बात कही जा रही है। बड़ा सवाल यह है कि क्या तब भी बीजेपी विधानसभा में बहुमत साबित कर पाएगी। क्योंकि 288 विधायकों वाली राज्य की विधानसभा में सरकार बनाने के लिए 145 विधायकों की ज़रूरत है। बीजेपी के पास 105 विधायक हैं और कुछ निर्दलीय मिलाकर उसका दावा है कि उसके पास 119 विधायक हैं और अगर एनसीपी के 22 विधायक अजीत पवार के साथ आते हैं तो यह योग 141 बैठता है जो बहुमत के आंकड़े से 4 दूर है। लेकिन अगर 35 विधायक अजीत पवार के साथ आते हैं तो यह योग 154 विधायकों का बैठता है और ऐसी स्थिति में उसे विधानसभा में बहुमत साबित करने में कोई मुश्किल नहीं होगी। लेकिन देखना होगा कि कितने विधायक टूट कर अजीत पवार के साथ आते हैं।
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