महाराष्ट्र की ताजा स्थिति
- एमवीए यानी कांग्रेस, शिवसेना (उद्धव ठाकरे) और एनसीपी (शरद पवार) फिर एक मंच पर आए और विधानसभा चुनाव एकसाथ लड़ने का ऐलान किया।
- उद्धव और शरद पवार ने साफ कर दिया कि उनकी पार्टियों से जो लोग छोड़कर गए हैं, उनको वापस लेने का सवाल ही नहीं पैदा होता।
- एमवीए की एकजुटता के बीच दूसरी तरफ महायुति यानी भाजपा, शिवसेना (शिंदे) और एनसीपी (अजीत पवार) के बीच मतभेद गहराते जा रहे हैं। तीनों के बीच जबरदस्त मतभेद उभर आए हैं।
महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के नेता शरद पवार, उद्धव ठाकरे और पृथ्वीराज चव्हाण ने शनिवार को मुंबई में एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की और लोकसभा चुनाव 2024 में राज्य में गठबंधन का समर्थन करने के लिए देश की जनता को धन्यवाद दिया। तीनों नेताओं ने कहा कि हम एकजुट हैं और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव भी एकसाथ लड़ेंगे।
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शनिवार की प्रेस कॉन्फ्रेंस एमवीए की ताकत दिखाने और यह घोषणा करने के लिए बुलाई गई थी कि आगामी विधानसभा चुनाव तीनों दल एकसाथ लड़ेंगे।
एनसीपी (एसपी) के शरद पवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उन्होंने जहां भी रोड शो और रैलियां कीं, एमवीए ने लोकसभा चुनावों में उन जगहों पर जीत दर्ज की। उन्होंने कहा, ''जहां भी प्रधानमंत्री का रोड शो और रैली हुई, हम जीते। इसलिए मैं प्रधानमंत्री को धन्यवाद देना अपना कर्तव्य समझता हूं... एमवीए के लिए राजनीतिक माहौल अनुकूल बनाने के लिए हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देते हैं।''
शरद पवार ने भतीजे अजीत पवार को अपनी पार्टी में वापस लेने की किसी भी संभावना से इनकार किया। उद्धव ठाकरे ने भी कहा कि जो लोग पार्टी छोड़कर जा चुके हैं, अब उन्हें वापस नहीं लिया जाएगा।
उद्धव ठाकरे से भी प्रेस कॉन्फ्रेस में पूछा गया कि सत्तारूढ़ पार्टी का आरोप है कि विपक्ष ने झूठे नैरेटिव गढ़े थे, इस पर उद्धव ने कहा- "मोदी ने किस नैरेटिव का इस्तेमाल किया था? मंगलसूत्र की कथा के बारे में क्या? क्या यह सही था?"
इस अवसर पर वरिष्ठ कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि गठबंधन में कोई बड़ा या छोटा भाई नहीं है। उन्होंने कहा, "हम प्रत्येक विधानसभा सीट पर विचार करके सीट बंटवारे पर निर्णय लेंगे। हमारी प्रारंभिक चर्चा पहले ही हो चुकी है।"
बता दें कि महाराष्ट्र उन तीन राज्यों में से एक है, जिसने आम चुनावों में भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को सबसे बड़ा झटका दिया, यह पहला ऐसा राज्य है जब शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी अलग होकर 2022 में भाजपा के साथ मिल गई थी। 2024 के आम चुनाव में भाजपा को सिर्फ 9 सीटें मिलीं, जबकि 2019 में उसे 23 सीटें मिली थीं। 2024 में महाराष्ट्र की 48 लोकसभा सीटों में एमवीए गठबंधन को 30 सीटें मिलीं।
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