कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए महाराष्ट्र ने दिल्ली-एनसीआर, गुजरात, राजस्थान और गोवा यानी चार राज्यों के लोगों के लिए कोरोना की नेगेटिव रिपोर्ट ज़रूरी कर दिया है। इसका मतलब है कि उन राज्यों के लोग बिना कोरोना टेस्ट के प्रमाण पत्र के महाराष्ट्र में नहीं आ सकेंगे। महाराष्ट्र सरकार ने कोरोना संक्रमण को लेकर विस्तृत गाइडलाइंस जारी की है।
देश में सबसे ज़्यादा बुरी तरह प्रभावित रहे महाराष्ट्र में फ़िलहाल कोरोना का संक्रमण कम हो रहा है और इसी के मद्देनज़र राज्य सरकार अतिरिक्त एहतियात बरत रही है। यह एहतियात ख़ासकर उन राज्यों के लोगों के लिए है जहाँ कोरोना संक्रमण ज़्यादा फैला है। ये एहतियात ऐसे समय में बरते जा रहे हैं जब दुनिया के कई देशों में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर आई है।
सरकार की ओर से जारी निर्देश में कहा गया है कि मुम्बई सहित महाराष्ट्र के हर एयरपोर्ट पर बाहर से आने वाले मुसाफिरों का पूरा डेटा और रिकॉर्ड रखा जाएगा। सड़क मार्ग से दूसरे राज्य से आने वाले लोगों के लिए भी ऐसे ही निर्देश जारी किए गए हैं।
मुसाफिरों के लिए जारी दिशा-निर्देश
- हर मुसाफिर को RT-PCR टेस्ट रिपोर्ट साथ में लेकर चलना ज़रूरी।
- जिनकी टेस्ट रिपोर्ट नहीं उन्हें एयरपोर्ट पर उतरने के बाद टेस्ट करवाना होगा।
- टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर कोरोना प्रोटोकॉल के तहत इलाज कराना होगा।
- ट्रेन के मुसाफिरों के लिए भी कोरोना RT-PCR टेस्ट करवा कर रिपोर्ट साथ रखना ज़रूरी।
सड़क यातायात के लिए नियम
महाराष्ट्र की सीमा से सटे बॉर्डर क्षेत्र के कलेक्टरों को आदेश दिया गया है कि वे बाहर से आने वाली गाड़ियों के अंदर बैठे लोगों की थर्मल चेकिंग करवायें और जिनका तापमान सही है उन्हें ही राज्य की सीमा के अंदर आने की इजाज़त दी जाए।
साथ ही यह भी निर्देश दिया गया है कि जिनको कोरोना लक्षण है या बुखार है या कोई और फ्लू की शिकायत है उन्हें राज्य की सीमा में न आने दिया जाए और कोरोना पॉजिटिव कोई पाया जाए तो उसे कोरोना सेंटर इलाज के लिए भेजा जाए।
प्रधानमंत्री-मुख्यमंत्रियों की बैठक कल
देश में तेज़ी से बढ़ते कोरोना संक्रमण के मामलों को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक लेंगे। यह बैठक वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग से होगी और इसमें हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, गुजरात, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल और केरल के मुख्यमंत्री भाग लेंगे। कोरोना संक्रमण से निपटने के उपायों पर चर्चा होगी।
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देश भर में कोरोना संक्रमण के मामले फिर से तेज़ी से बढ़ने लगे हैं और ये ताज़ा फ़ैसले तब लिए जा रहे हैं जब सुप्रीम कोर्ट ने आज ही राज्यों को कोरोना पर नियंत्रण के लिए तैयारी के निर्देश दिए हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यदि राज्य तैयार नहीं होंगे तो दिसंबर में बहुत ख़राब हालत होगी। कोर्ट ने तो दिल्ली, गुजरात, महाराष्ट्र और असम से दो दिनों में स्टेटस रिपोर्ट भी तलब की है। इन राज्यों में कोरोना संक्रमण के मामले तेज़ी से बढ़ रहे हैं। साथ ही सभी राज्यों से पूरी तैयारी रखने को कहा गया है।
हाल के दिनों में जिस तरह से कई राज्यों में संक्रमण के मामले बढ़े हैं, सरकार की चौकसी बढ़ी है, सुप्रीम कोर्ट तक को दखल देना पड़ा है उससे सवाल खड़ा होने लगा है कि क्या भारत में भी कोरोना की दूसरी लहर आने वाली है? कोरोना की दूसरी लहर से दुनिया के कई देश जूझ रहे हैं। जिन देशों में दूसरी लहर आई है वहाँ यह पहले से ज़्यादा आक्रामक है और अधिकतर देशों में तो यह पहले से दोगुनी तेज़ी से बढ़ रहा है।
इन राज्यों से भी बढ़ी चिंता
भारत में चिंता बढ़ने का एक कारण यह भी है कि जिन राज्यों में कोरोना संक्रमण के कुल मामले अब तक कम रहे हैं वहाँ संक्रमण बढ़ने लगा है। हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों में संक्रमण के मामले तेज़ी से बढ़ रहे हैं। हालाँकि, सबसे ज़्यादा प्रभावित राज्यों में से एक उत्तर प्रदेश में भी संक्रमण के मामले ज़्यादा आने लगे हैं। राजस्थान में रिकॉर्ड 3000 से ज़्यादा संक्रमण के मामले आने लगे हैं। हिमाचल प्रदेश में भी इस महीने सक्रिय संक्रमण के मामले दोगुने हो गए हैं।
कई राज्यों में संक्रमण के मामले बढ़ने लगे हैं, इसी को देखते हुए केंद्र सरकार ने कई राज्यों में उच्चस्तरीय टीमें भेजी हैं। पहले राजस्थान, गुजरात, हरियाणा और छत्तीसगढ़ में ये टीमें भेजी गई थीं और फिर उत्तर प्रदेश, पंजाब और हिमाचल प्रदेश में भी भेजी गई हैं।
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