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मनसे प्रमुख राज ठाकरे

महाराष्ट्र चुनावः राज ठाकरे की पार्टी मुंबई की 25 सीटों पर किसका वोट काटेगी?

राज ठाकरे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) ने मुंबई की तमाम सीटों पर मुकाबले को और चुनौतीपूर्ण बना दिया है। हालांकि वो महायुति-एमवीए के सीधे मुकाबले में बहुत सफल नहीं हो पाएगी लेकिन वो किसी न किसी का वोट तो काटेगी। देश की वित्तीय राजधानी में 36 विधानसभा सीटों पर उसने मुकाबले को नया आयाम दे दिया है। 

असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) और वंचित बहुजन अगाड़ी के विपरीत, एमएनएस ने 2024 के लोकसभा चुनावों में भाग नहीं लिया था। तब उसने सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को बिना शर्त समर्थन की पेशकश की थी।

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हालाँकि, मुंबई की 25 विधानसभा सीटों पर उम्मीदवार उतारने का मनसे का निर्णय सिर्फ उद्धव के लिए ही नहीं, बल्कि भाजपा और शिवसेना (एकनाथ शिंदे) दोनों के लिए एक महत्वपूर्ण चुनौती बन गया है। क्योंकि अभी भाजपा और शिंदे की पार्टी का इन सीटों पर सामूहिक रूप से कब्जा है। क्योंकि मनसे भाजपा समर्थक तो है लेकिन उसने कुछ सीटों पर भाजपा प्रत्याशियों के खिलाफ भी अपने उम्मीदवार उतारे हैं। कुल मिलाकर भाजपा और मनसे की रणनीति एक ही लग रही है या एक ही सिक्के के दो पहलू हैं।

भाजपा मुंबई में 17 सीटों पर चुनाव लड़ रही है, जबकि शिंदे सेना 16 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। विशेष रूप से, मनसे ने इनमें से 22 सीटों पर भाजपा और शिवसेना (एकनाथ शिंदे) के उम्मीदवारों के खिलाफ उम्मीदवार उतारे हैं, जिससे चुनावी लड़ाई तेज हो गई है। क्योंकि वोटों का संभावित विभाजन सिर्फ एमवीए यानी उद्धव या कांग्रेस पार्टी या एनसीपी शरद पवार का ही नुकसान नहीं करेगा। मनसे सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन के दलों के वोट शेयर में भी सेंध लगााएगी।

समीकरण जो सामने है, उसमें मनसे ने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना की 12 सीटों और भाजपा द्वारा लड़ी जा रही 10 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं। सेवरी निर्वाचन क्षेत्र में, जहां महायुति ने कोई उम्मीदवार नहीं उतारा है, मनसे नेता बाला नंदगांवकर सत्तारूढ़ गठबंधन के समर्थन के साथ एकमात्र दावेदार हैं। यानी यहां पर मनसे और महायुति का तालमेल हो गया है।

मुंबई के माहिम और वर्ली निर्वाचन क्षेत्रों के मुकाबलों ने पहले ही काफी दिलचस्पी पैदा कर दी है। माहिम, विशेष रूप से, एक युद्ध का मैदान बन गया है, जहां मनसे नेता और राज ठाकरे के बेटे अमित ठाकरे एकनाथ शिंदे की पार्टी के सदा सर्वंकर को चुनौती दे रहे हैं, जो तीन-तरफा मुकाबले का मंच बन गया है। और सबसे बड़ी बात तो इस सीट पर ये है कि भाजपा यहां अमित ठाकरे का समर्थन कर रही है। जबकि गठबंधन धर्म के नाते उसे शिंदे की पार्टी के उम्मीदवार का समर्थन करना चाहिए था।
वर्ली में, मनसे उम्मीदवार संदीप देशपांडे को शिवसेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे और शिंदे सेना के मिलिंद देवड़ा के खिलाफ उतारा गया है। सवाल ये है कि संदीप देशपांडे किसका वोट काटेंगे। भाजपा सूत्रों का कहना है कि यहां पर मनसे प्रत्याशी शिंदे सेना का वोट काटेगा। इसलिए यहां र मिलिंद देवड़ा के लिए रास्ता आसान नहीं है। जबकि आदित्य ठाकरे यहां से लगातार जीत रहे हैं।  
मनसे की रणनीति समझिएः मनसे रणनीतिक रूप से शहर में कुछ हाई-प्रोफाइल भाजपा हस्तियों को चुनौती नहीं दे रही है। जिनमें विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर (कोलाबा), मुंबई भाजपा प्रमुख आशीष शेलार (बांद्रा पश्चिम), राज्य भाजपा कोषाध्यक्ष मिहिर कोटेचा (मुलुंड) और मंगल प्रभात लोढ़ा (मालाबार हिल) प्रमुख हैं। यानी मनसे व्यावहारिक रूप से भाजपा का साथ तो दे रही है लेकिन उसने शिंदे सेना को चुनौती देने में कोई कसर नहीं छोड़ रखी है। एक तरह से भाजपा राज ठाकरे और उनकी पार्टी को भविष्य की रणनीति के हिसाब से पालपोस रही है। वो आज भी उद्धव ठाकरे को चुनौती देने के लिए राज ठाकरे को सबसे उपयुक्त मानती है।

एमएनएस माहिम, वर्ली, मगाथेन, कुर्ला, चांदीवली, भांडुप और विक्रोली में गंभीर चुनौती पेश कर रहा है। कुछ विश्लेषकों का मानना ​​है कि इन क्षेत्रों में मनसे के लिए कोई भी वोट महायुति और एमवीए गठबंधन दोनों को प्रभावित कर सकता है।

मुंबई  विधानसभा सीटों पर मनसे की रणनीति ऐसे देखिए

  • कोलाबा: राहुल नार्वेकर (भाजपा) - कोई मनसे उम्मीदवार नहीं
  • मालाबार हिल: मंगल प्रभात लोढ़ा (भाजपा) - कोई मनसे उम्मीदवार नहीं
  • मुंबादेवी: शाइना एनसी (शिवसेना शिंदे) बायकुला: यामिनी जाधव (शिवसेना उद्धव)
  • वर्ली: मिलिंद देवड़ा (शिवसेना शिंदे) बनाम संदीप देशपांडे (मनसे), आदित्य ठाकरे (शिवसेना उद्धव)
  • सेवरी: बाला नंदगांवकर (मनसे) - महायुति समर्थित
  • माहिम: सदा सर्वंकर (शिवसेना शिंदे) बनाम अमित ठाकरे (मनसे)
  • वडाला: कालिदास कोलंबकर (भाजपा) बनाम स्नेहल जाधव (मनसे)
  • धारावी: राजेश खंडारे (शिवसेना) - कोई मनसे उम्मीदवार नहीं
  • कुर्ला: मंगेश कुडालकर (शिवसेना) बनाम प्रदीप वाघमारे (मनसे)
  • बांद्रा (पश्चिम): आशीष शेलार (भाजपा) - कोई मनसे उम्मीदवार नहीं
  • बांद्रा (पूर्व): जीशान सिद्दीकी (एनसीपी अजित पवार) बनाम तृप्ति सावंत (मनसे)
  • चांदीवली: दिलीप लांडे (शिवसेना) बनाम महेंद्र भानुशाली (मनसे)
  • चेंबूर: तुकाराम काठे (शिवसेना) बनाम मौली थोरवे (मनसे)
  • अणुशक्ति नगर: सना मलिक (एनसीपी अजित पवार) - कोई मनसे उम्मीदवार नहीं
  • विले पार्ले: पराग अलावनी (भाजपा) बनाम जुइली शेंडे (मनसे)
  • अंधेरी पश्चिम: अमीत साटम (भाजपा) - कोई मनसे उम्मीदवार नहीं
  • वर्सोवा: भारती लावेकर (भाजपा) बनाम संदेश देसाई (मनसे)
  • गोरेगांव: विद्या ठाकुर (भाजपा) बनाम वीरेंद्र जादव (मनसे)
  • कांदिवली पूर्व: अतुल भातखलकर (भाजपा) बनाम महेश फार्कसे (मनसे)

  • डिंडोशी: संजय निरुपम (शिवसेना) बनाम भास्कर परब (मनसे)
  • जोगेश्वरी पूर्व: मनीषा वायकर (शिवसेना) बनाम भालचंद्र अंबुरे (मनसे)
  • चारकोप: योगेश सागर (भाजपा) बनाम दिनेश साल्वी (मनसे)
  • मलाड पश्चिम: विनोद शेलार (भाजपा) - कोई मनसे उम्मीदवार नहीं
  • बोरीवली: संजय उपाध्याय (भाजपा) बनाम कुणाल मेनकर (मनसे)
  • दहिसार: मनीषा चौधरी (भाजपा) बनाम राजेश येरुंकर (मनसे)
  •  मुलुंड: मिहिर कोटेचा (भाजपा) - कोई मनसे उम्मीदवार नहीं
  • भांडुप पश्चिम: अशोक पाटिल (शिवसेना) बनाम शिरीष सावंत (मनसे)
  • विक्रोली: सुवर्णा करंजे (शिवसेना) बनाम विश्वजीत डोलम (मनसे)
  • कलिना: अमरजीत सिंह (आरपीआई-भाजपा) बनाम संदीप हटगी (मनसे)
  • मानखुर्द शिवाजी नगर: सुरेश पाटिल (शिवसेना) बनाम जगदीश खांडेकर (मनसे)
  • घाटकोपर पश्चिम: राम कदम (भाजपा) बनाम गणेश चुक्कल (मनसे)
  • घाटकोपर पूर्व: पराग शाह (भाजपा) बनाम संदीप कुलथे (मनसे)
  • अंधेरी पूर्व: मुरजी पटेल (शिवसेना) - कोई मनसे उम्मीदवार नहीं
  • मगाठाणे: प्रकाश सुर्वे (शिवसेना) बनाम नयन कदम (मनसे)
  • सायन कोलीवाड़ा: कैप्टन तमिल सेल्वन (भाजपा) - कोई मनसे उम्मीदवार नहीं

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महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 20 नवंबर को होने हैं। सभी 288 विधानसभा क्षेत्रों के लिए मतगणना 23 नवंबर को होगी। 2019 के विधानसभा चुनावों में, भाजपा ने 105 सीटें, शिवसेना ने 56 और कांग्रेस ने 44 सीटें जीतीं थी। 2014 में, भाजपा ने 122 सीटें, शिवसेना ने 63 और कांग्रेस ने 42 सीटें हासिल कीं थीं। ये बता दें कि 2014 और 2019 में तब शिवसेना एक थी। और उसने भाजपा के साथ गठबंधन करके चुनाव लड़ा था। लेकिन उसके बाद राजनीतिक स्थितियां बदल गई थीं।

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क़मर वहीद नक़वी
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