आर्यन ख़ान क्रूज़ ड्रग्स मामले में एनसीपी बनाम एनसीबी और फिर नवाब मलिक बनाम देवेंद्र फडणवीस की जंग के बाद वक़्फ़ बोर्ड की संपत्तियों तक पहुंच गया है। केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी ने गुरूवार को महाराष्ट्र में वक़्फ़ से जुड़ी संपत्ति के मामले में छापेमारी की तो कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक सामने आए। मलिक ने कहा कि वे ईडी का स्वागत करते हैं। ईडी ने यह छापेमारी पुणे में छह लोगों के ठिकाने पर की और इसमें 8 करोड़ की धोखाधड़ी होने का आरोप है।
यह कहा गया है कि इन लोगों ने सरकारी मुआवज़ा लिया था। ईडी इस मामले में जांच कर रही है कि जो पैसा इन लोगों को मिला, वह किन लोगों तक पहुंचा। इस मामले में अगस्त, 2021 में पुणे में एफ़आईआर दर्ज कराई गई थी। ईडी ने हाल ही में इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था।
वक़्फ़ बोर्ड राज्य के अल्पसंख्यक मंत्रालय के अधीन आता है और यह मंत्रालय मलिक के पास है। मलिक ने कहा कि ईडी ने वक़्फ़ बोर्ड के किसी भी दफ़्तर पर छापेमारी नहीं की है।
उन्होंने कहा कि जब से अल्पसंख्यक मंत्रालय उनके पास आया है, क्लीन अप ऑपरेशन चल रहा है। उन्होंने कहा कि उनके इस मंत्रालय को संभालने के बाद वक़्फ़ बोर्ड में अनियमितताओं के मामले में सात एफ़आईआर भी दर्ज की गई हैं।
ईडी का इस्तेमाल
मलिक ने कहा कि किसी की छवि ख़राब करने के लिए फिर ईडी का इस्तेमाल होगा तो एजेंसी इसे लेकर मुगालते में है और उन्हें नहीं डराया जा सकता। शिव सेना प्रमुख और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कुछ दिन पहले दशहरे की रैली में कहा था कि केंद्र सरकार सत्ता के लिए सीबीआई, इनकम टैक्स और ईडी का डर दिखा रही है। ठाकरे ने कहा था कि अगर हिम्मत है तो सामने से लड़ो एजेंसियों का डर मत दिखाओ।
...मेरे पीछे नहीं आएगी ईडी
जबकि महाराष्ट्र से बीजेपी के सांसद संजय पाटिल ने कुछ दिन पहले कहा था कि ईडी उनके पीछे नहीं आएगी। इसकी वजह भी उन्होंने बताई थी। उनके मुताबिक़, इसकी वजह ये है कि वे बीजेपी के सांसद हैं। संजय पाटिल महाराष्ट्र की सांगली सीट से सांसद हैं। पाटिल ने यह बात कोई बंद कमरे में दबे-छिपे नहीं कही बल्कि एक मंच पर खुलेआम कही।मलिक-फडणवीस आमने-सामने
बीते दिनों मुंबई क्रूज ड्रग्स केस के मामले में नवाब मलिक और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस आमने-सामने आ गए थे। मलिक ने जहां फडणवीस पर आरोप लगाए थे। इसके बाद देवेंद्र फडणवीस ने भी पलटवार किया था और कहा था कि मलिक के संबंध डी कंपनी के लोगों के साथ हैं। फिर नवाब मलिक ने इसका जवाब दिया और कहा कि मुख्यमंत्री रहते हुए देवेंद्र फडणवीस महाराष्ट्र में जाली नोटों का कारोबार कर रहे थे।
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