महाराष्ट्र में सत्ता उसके हाथ लगेगी जो कानूनी रूप से मजबूत होगा। विधानसभा के डिप्टी स्पीकर ने उद्धव ठाकरे के दो फैसलों पर मुहर लगा दी है। समझा जाता है कि बागी नेता एकनाथ शिंदे अब मुंबई आकर बीजेपी की मदद से राज्यपाल के दरबार में हाजिरी लगाएंगे। महाराष्ट्र के डिप्टी स्पीकर नरहरि जिरवाल ने अजय चौधरी को विधानसभा में अपने विधायक दल के प्रमुख के रूप में नियुक्त करने के लिए शिवसेना के आवेदन को मंजूरी दे दी ही। उन्होंने सुनील प्रभु को शिवसेना के मुख्य सचेतक के रूप में भी मंजूरी दे दी है।
बागी नेता एकनाथ शिंदे शिवसेना में दोनों पदों पर थे। शिंदे के अलग होने की धमकी देने के बाद पार्टी ने उन्हें बदलने के लिए आवेदन किया था। शिवसेना ने सबसे पहले शिंदे को हटाया और नेता बदलने की अर्जी डिप्टी स्पीकर को दी। इस तरह शिवसेना कानूनी रूप से यहां पर मजबूत है।
डिप्टी स्पीकर के इस फैसले से साफ हो गया है कि शिवसेना इस लड़ाई को अब कानूनी तौर पर लड़ेगी और विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए सदन का सामना करेगी।
शिवसेना ने चार और बागी विधायकों को अयोग्य ठहराने के लिए आवेदन का मसौदा तैयार किया है। विधायक सदा सर्वंकर, प्रकाश अबितकर, संजय रायमुलकर और रमेश बोर्नारे अयोग्य ठहराए जाने वाले विधायकों की सूची में हैं।
विधानसभा पहुंचने के बाद डिप्टी स्पीकर को ये आवेदन शिवसेना जमा करेगी।
इस बीच, निर्दलीय विधायक महेश बाल्दी और विनोद अग्रवाल ने महाराष्ट्र के डिप्टी स्पीकर को पत्र लिखकर कहा कि उनके पास शिवसेना के विधायकों को अयोग्य घोषित करने की शक्ति नहीं है। इन दोनों विधायकों को बीजेपी समर्थक माना जाता है।
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