मंगलवार को दिन भर चली सियासी मशक्कत के बाद कांग्रेस और एनसीपी के नेताओं ने मुंबई के एक होटल में काफ़ी देर तक मुलाक़ात की। इसके बाद कांग्रेस और एनसीपी के नेताओं ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ़्रेंस की। प्रेस कॉन्फ़्रेंस में एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि बैठक में दोनों दलों ने राज्य के राजनीतिक हालात पर चर्चा की। पटेल ने कहा कि शिवसेना ने पहली बार कांग्रेस-एनसीपी से संपर्क साधा। कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने कहा कि वह राज्य में राष्ट्रपति शासन की सिफ़ारिश केंद्र को भेजने की निंदा करते हैं। पटेल ने कहा कि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष को फ़ोन किया था। पटेल ने कहा कि उनका जोर न्यूनतम साझा कार्यक्रम पर है।
अहमद पटेल ने कहा कि राज्यपाल ने एनसीपी, कांग्रेस और बीजेपी को मौक़ा दिया लेकिन कांग्रेस को नहीं और वह इसकी निंदा करते हैं। कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने कहा कि पहले कांग्रेस और एनसीपी कई मुद्दों पर चर्चा करेंगे और उसके बाद ही दोनों दल शिवसेना से बात करेंगे। एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि एनसीपी किसी जल्दी में नहीं है और हम महाराष्ट्र में दुबारा चुनाव नहीं चाहते हैं। पवार ने अहमद पटेल की बात को दुहराया कि दोनों दलों की बातचीत पूरी होने के बाद ही शिवसेना से कोई बात की जाएगी।
चुनावी नतीजे आने के बाद से ही महाराष्ट्र राजनीतिक अस्थिरता का शिकार है और मंलवार को राज्य में राष्ट्रपति शासन लग गया है। राज्य में सरकार कैसे बनेगी, अब यह सबसे बड़ा सवाल है। मंगलवार सुबह कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी ने शरद पवार से बात की थी और पार्टी नेता अहमद पटेल, मल्लिकार्जुन खड़गे और केसी वेणुगोपाल को पवार से बात करने के लिए मुंबई भेजा था।
एनसीपी के प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा कि मंगलवार को एनसीपी के विधायकों की बैठक हुई है। उन्होंने कहा कि बैठक में यह फ़ैसला लिया गया है कि राज्य में राजनीतिक अनिश्चचितता को देखते हुए शरद पवार को सरकार गठन को लेकर फ़ैसला लेने के लिए अधिकृत किया जाए। बैठक में एनसीपी के सभी 54 विधायक उपस्थित रहे। मलिक ने कहा कि शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के साथ आये बिना राज्य में स्थिर सरकार बनना संभव नहीं है।
सरकार बनाना हमारी जिम्मेदारी नहीं: निरुपम
कांग्रेस का क्या रुख रहेगा
महाराष्ट्र में सरकार का गठन इस बात पर निर्भर है कि कांग्रेस क्या फ़ैसला लेती है। क्योंकि एनसीपी खुलकर कह चुकी है कि उसे कांग्रेस के फ़ैसले का इंतजार है और वह शिवसेना के साथ सरकार बनाना चाहती है। महाराष्ट्र कांग्रेस के कई विधायक और बड़े नेता शिवसेना के साथ सरकार में शामिल होना चाहते हैं लेकिन पार्टी अब तक इसे लेकर दुविधा की स्थिति में है। हालाँकि प्रेस कॉन्फ़्रेस में कांग्रेस की ओर से संकेत दिए गये हैं कि वह शिवसेना को समर्थन दे सकती है।
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