महाराष्ट्र के राजनीतिक परिदृश्य में तेज़ी से बदलाव हो रहे हैं। विकल्पों पर विचार करने की शिवसेना की पहले की चेतावनी ने नया रंग ले लिया है। लगता है कि यह कोरी धमकी नहीं थी। इसे इससे समझा जा सकता है कि राज्य कांग्रेस के नेता थोड़ी ही देर में कांग्रेस कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गाँधी से मुलाक़ात करने वाले हैं। समझा जाता है कि इस बैठक में वे राज्य की राजनीति पर विचार विमर्श करेंगे। यह मुमकिन है कि महाराष्ट्र में शिवसेना को समर्थन देने के मुद्दे पर विचार हो।
गुरुवार की रात शिवसेना नेता संजय राउत ने एनसीपी नेता शरद पवार से मुलाक़ात की। यह मुलाक़ात इसलिए भी अहम है कि बीजेपी और शिवसेना के बीच मुख्य मंत्री पद की दावेदारी को लेकर ठनी हुई है। शिवसेना की माँग है कि बीजेपी उसके साथ मुख्य मंत्री पद बराबर समय यानी ढाई-ढाई साल के लिए साझा करे, यानी ढाई साल के लिए शिवसेना का आदमी मुख्य मंत्री तो दूसरे ढाई साल के लिए बीजेपी का।
शिवसेना का कहना है कि चुनाव के पहले ही दोनों दलों के बीच 50-50 की हिस्सेदारी का फ़ॉर्मूला तय हुआ था और उसे इसके तहत आधे समय के लिए मुख्य मंत्री पद मिलना ही चाहिए। बीजेपी का कहना है कि वह मुख्य मंत्री पद किसी सूरत में शिवसेना को नहीं देगी। मुख्य मंत्री देवेंद्र फडणवीस ने ज़ोर देकर कहा है कि वही पूरे 5 साल के लिए मुख्य मंत्री होंगे।
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