महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने सोमवार को कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया। राज्य में जल्द ही लोकसभा और राज्य विधानसभा चुनाव होने वाले हैं लेकिन कुछ महीने पहले पार्टी की महाराष्ट्र इकाई को यह बड़ा झटका लगा है। चर्चा है कि अशोक चव्हाण भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो सकते हैं।
अशोक चव्हाण ने महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले को पत्र लिखकर अपने इस्तीफे की घोषणा की है। इससे पहले सोमवार सुबह अशोक चव्हाण ने विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर से मुलाकात की। बैठक के बाद से अशोक चव्हाण मीडिया से दूर हैं। राहुल नार्वेकर ने अशोक चव्हाण से अपनी मुलाकात की पुष्टि की।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस के तीन विधायक-सुभाष धोटे, जितेश अंतरपुरकर और अमर राजुरकर भी अशोक चव्हाण के साथ भाजपा में जा सकते हैं।
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री का जाना महत्व रखता है, क्योंकि दो वरिष्ठ कांग्रेसी - मिलिंद देवड़ा और बाबा सिद्दीकी - हाल ही में पार्टी से अलग हुए हैं। बाबा सिद्दीकी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अजीत पवार गुट में शामिल हो गए, जबकि मिलिंद देवड़ा को एकनाथ शिंदे की शिवसेना में शामिल किया गया। बाबा सिद्दीकी के बेटे, जीशान बांद्रा पूर्व से विधायक हैं, और वो भी अपने पिता की तरह पार्टी छोड़कर एनसीपी अजीत पवार गुट का दामन थाम सकते हैं।
बाबा सिद्दीकी ने कहा कि उन्होंने एनसीपी (अजीत पवार) में शामिल होने से पहले अपने विधायक बेटे जीशान सिद्दीकी और पूर्व कांग्रेस सांसद प्रिया दत्त से सलाह ली थी। मुंबई कांग्रेस के एक प्रमुख मुस्लिम चेहरे, सिद्दीकी ने उस समय मंत्री के रूप में भी काम किया था जब कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन महाराष्ट्र में सत्ता में था। अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी अब शिवसेना शिंदे गुट के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार का एक घटक है, जिसमें भाजपा भी शामिल है।
महाराष्ट्र बीजेपी प्रमुख चन्द्रशेखर बावनकुले ने दावा किया, ''महाराष्ट्र कांग्रेस में कलह है, अशोक चव्हाण ने इस्तीफा दे दिया है और कांग्रेस में आंतरिक झगड़े हैं। कोई नेता नहीं है और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ओबीसी समुदाय को गाली दे रहे हैं, इसीलिए कोई उनके साथ नहीं रहना चाहता और इसीलिए लोग जा रहे हैं। हां, अगर कोई बीजेपी में शामिल होना चाहता है तो उसका स्वागत है।'
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