गुवाहाटी के रेडिसन ब्लू होटल में ठहरे शिवसेना के बागी विधायकों के यहां से निकलने के कार्यक्रम में बदलाव हुआ है। पहले कार्यक्रम यह था कि सभी बागी विधायक कामाख्या मंदिर में दर्शन के बाद गोवा जाएंगे और वहां से गुरुवार सुबह मुंबई पहुंचेंगे। लेकिन सूत्रों के मुताबिक फ्लोर टेस्ट के मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार किया जा रहा है और सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ही एकनाथ शिंदे और बागी विधायक गोवा के लिए रवाना होंगे।
उधर, मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बुधवार शाम को 5 बजे एक बार फिर महाराष्ट्र कैबिनेट की बैठक बुलाई है। उद्धव ने मंगलवार को भी कैबिनेट की बैठक बुलाई थी और सुप्रीम कोर्ट अगर फ्लोर टेस्ट को लेकर राज्यपाल के आदेश पर रोक नहीं लगाता है तो महा विकास आघाडी सरकार को फ्लोर टेस्ट का सामना करना होगा।
बता दें कि राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने उद्धव सरकार को 30 जून की शाम 5 बजे तक फ्लोर टेस्ट कराए जाने का आदेश दिया है।
बस, प्लेन तैयार
विधायकों के गुवाहाटी से निकलने के लिए रेडिसन ब्लू होटल के बाहर बसों को स्टैंडबाई मोड में रखा गया है और इसके साथ ही एक चार्टर प्लेन भी तैयार है जो विधायकों को गोवा लेकर जाएगा।
70 कमरे बुक
महाराष्ट्र में बीते हफ्ते शुरू हुई बगावत के बाद शिवसेना के बागी विधायक और कुछ निर्दलीय विधायक पहले गुजरात के सूरत पहुंचे थे जहां से उन्हें गुवाहाटी के होटल में लाया गया था। खबरों के मुताबिक, गोवा के ताज रिजॉर्ट में विधायकों के रहने के लिए 70 कमरों को बुक किया गया है।
यहां यह बताना बेहद जरूरी है कि गुजरात, गोवा और असम तीनों ही राज्यों में बीजेपी की सरकार है और शिवसेना बार-बार कहती रही है कि उसकी पार्टी के अंदर हुई बगावत के पीछे बीजेपी का ही हाथ है।
गोवा मुंबई के नजदीक है इसलिए गुरुवार को महाराष्ट्र की विधानसभा में अगर फ्लोर टेस्ट होता है तो विधायकों को गोवा से मुंबई पहुंचने में ज्यादा वक्त नहीं लगेगा। माना जा रहा है कि विधायकों को सीधे महाराष्ट्र की विधानसभा ले जाया जाएगा।
सभी की नजरें सुप्रीम कोर्ट पर टिकी हुई हैं और एनसीपी के नेता नवाब मलिक और अनिल देशमुख भी सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं और उन्होंने फ्लोर टेस्ट में वोट डालने देने की मांग की है। इससे पहले दोनों ही नेताओं को राज्यसभा और विधान परिषद के चुनाव में वोट डालने का अधिकार नहीं मिला था।
मुंबई में सुरक्षा कड़ी
फ्लोर टेस्ट को देखते हुए मुंबई में भी सुरक्षा व्यवस्था बेहद कड़ी की गई है क्योंकि विधानसभा, शिवसेना भवन के आसपास मीडिया कर्मियों का जमावड़ा है और बीते दिनों में शिवसेना के बागी विधायकों के घरों और दफ्तरों पर हमला भी हुआ है।
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