महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के प्रचार के लिये आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस सांसद राहुल गाँधी रैलियों को संबोधित कर रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी जलगांव और सकोली में चुनावी रैलियां कर रहे हैं जबकि राहुल गाँधी का कार्यक्रम धारावी, लातूर और विदर्भ में चुनावी सभाओं को संबोधित करने का है। महाराष्ट्र और हरियाणा में 21 अक्टूबर को मतदान होगा और 24 अक्टूबर को चुनाव नतीजे आएंगे।
महाराष्ट्र में बीजेपी-शिवसेना गठबंधन मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं। पिछली बार सीटों के बंटवारे को लेकर तनातनी हुई थी और गठबंधन टूट गया था। तब बीजेपी को 122 और शिवसेना को 63 सीटें मिली थीं। लेकिन विधानसभा चुनाव के बाद दोनों दल साथ आ गए थे और मिलकर सरकार बनाई थी।
इसके बाद शिवसेना सरकार में रहते हुए भी बीजेपी पर लगातार हमलावर रही थी और ऐसा लग रहा था कि लोकसभा चुनाव में यह गठबंधन टूट जाएगा लेकिन अंतत: बीजेपी और शिवसेना साथ आए और मिलकर चुनाव लड़ा। लोकसभा चुनाव में बीजेपी-शिवसेना को बड़ी सफलता मिली थी और राज्य की 48 में से 41 सीटों पर उसे जीत मिली थी।
इस बार भी टिकट बंटवारे को लेकर लंबे समय तक तनातनी चली और शिवसेना ने ज़्यादा सीटें लेने की कोशिश की। लेकिन बीजेपी शिवसेना के सामने नहीं झुकी और इस बार वह ज़्यादा सीटों पर चुनाव लड़ रही है। बीजेपी 150 और शिवसेना 124 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। जबकि 14 सीटें सहयोगियों को मिली हैं।
दूसरी ओर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और कांग्रेस इस बार मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं। कांग्रेस-एनसीपी ने 2014 में विधानसभा चुनाव अलग-अलग लड़ा था तब दोनों के बीच सीट बंटवारे पर सहमति नहीं बन पाई थी, जिसके बाद पवार की पार्टी ने 15 साल पुराने गठबंधन को तोड़ दिया था। पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 42 तो एनसीपी ने 41 सीटों पर जीत दर्ज की थी।
कांग्रेस और एनसीपी के बीच विधानसभा चुनाव को लेकर हुए गठजोड़ से पहले दोनों ही दलों के कई प्रमुख नेता पार्टी छोड़कर जा चुके हैं। इनमें से कई नेताओं ने बीजेपी का तो कुछ ने शिवसेना का दामन थामा है। ऐसे में कांग्रेस-एनसीपी के लिए हालात बहुत अच्छे नहीं है।
लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में शामिल हुईं फ़िल्म अभिनेत्री उर्मिला मातोंडकर ने पार्टी छोड़ दी है और इसके बाद महाराष्ट्र कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष संजय निरुपम और मिलिंद देवड़ा का झगड़ा सड़कों पर आ गया था।
इसके बाद संजय निरुपम ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस कर कांग्रेस नेतृत्व पर गंभीर आरोप लगाये थे। निरुपम ने कहा था कि कुछ लोग राहुल गाँधी के वफ़ादारों को ख़त्म करने की साज़िश रच रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह जानबूझ कर और सोची-समझी रणनीति के तहत किया जा रहा है।
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