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फाइल फोटो

महाराष्ट्र में क्या फिर पक रही चाचा - भतीजा के बीच खिचड़ी ? 

अजित पवार और शरद पवार की ताजा दो मुलाकातों के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में चर्चाओं का बाजार फिर से गर्म हो गया है। चर्चा इस बात की है कि क्या चाचा और भतीजे के बीच फिर कोई खिचड़ी पक रही है। रविवार को दोनों की मुलाकात के बाद सोमवार को फिर दुबारा वे मिले हैं। अजीत पवार सोमावार को अपने साथ महाराष्ट्र कैबिनेट में शपथ लेने वाले 8 मंत्रियों के साथ शरद पवार से मिलने पहुंचे थे। लगातार दो दिनों तक दोनों की इस मुलाकात के कई मतलब निकाले जा रहे हैं। 
सूत्रों के मुताबिक मंत्रियों ने शरद पवार से माफी मांगी है, लेकिन शरद पवार इस दौरान पूरी तरह से शांत रहे। इस कथित माफी का कोई कारण सामने नहीं आया है। शरद पवार गुट के एक करीबी नेता ने बताया कि अब सभी सर्वे में सामने आ रहा कि महाराष्ट्र की जनता का समर्थन शरद पवार के साथ है, इससे वे डर गए हैं। अजीत पवार गुट के बागी लोगों के बीच कन्फ्यूजन की स्थिति बनाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि शरद पवार साहब का यह बड़प्पन है कि पार्टी से बगावत करने वालों से भी मिलने के लिए वे तैयार हुए। शरद पवार ने इस मुलाकात में कुछ नहीं कहा। 
इस मुलाकात को लेकर शरद पवार की ओर से अभी तक आधिकरिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है। यह मुलाकात इस लिए भी खास मानी जा रही है क्योंकि 17 जुलाई से ही महाराष्ट्र विधानसभा का मॉनसून सत्र आरंभ हो चुका है।
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शरद पवार का आशीर्वाद लेने आए थे 

इससे पहले रविवार की दोपहर अजीत पवार एनसीपी के सभी नवनियुक्त मंत्रियों के साथ एनसीपी प्रमुख शरद पवार से मिलने के लिए वाई बी चव्हाण केंद्र पहुंचे। बैठक के बारे में बात करते हुए, अजीत पवार के नेतृत्व वाले एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल ने कहा  था कि वे “शरद पवार का आशीर्वाद लेने आए थे।” पटेल ने कहा कि वे लोग खुद से और “उनसे (शरद पवार से) अनुमति मांगे बिना आए थे। हमने शरद पवार से पार्टी को एकजुट रखने और निकट भविष्य में हमारा मार्गदर्शन करने का अनुरोध किया। इस पर उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। उन्होंने चुपचाप हम सब की बात सुनी।  
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महाराष्ट्र सरकार में वित्त मंत्री बने है अजीत पवार

महाराष्ट्र की शिंदे सरकार में पिछले दिनों उपमुख्यमंत्री अजित पवार को वित्त विभाग दिया गया है। जबकि एनसीपी नेता छगन भुजबल को खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग दिया गया। वर्तमान एकनाथ शिंदे-देवेंद्र फड़णवीस सरकार में अजित पवार सहित राकांपा के नौ विधायक दो जुलाई को शामिल हुए थे। समझा जाता है कि विभागों के बंटवारे पर सहमति नहीं बन पा रही थी और इसी वजह से देरी हुई। कहा जा रहा है कि वित्त विभाग को लेकर काफी मशक्कत करनी पड़ी है।पिछले महीने अपने चाचा और पार्टी प्रमुख शरद पवार के खिलाफ अजित पवार ने बगावत कर दी थी। इस बगावत के लिए अजित पवार को राज्य के खजाने की चाबियों से पुरस्कृत किया गया है। अजित पवार वित्त मंत्रालय के अलावा योजना विभाग का कार्यभार भी संभालेंगे। धरमरावबाबा अत्राम को औषधि और प्रशासन यानी एफडीए पोर्टफोलियो दिया गया है।  
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क़मर वहीद नक़वी
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