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महाराष्ट्र: बच्चा चोरी की अफवाह, 4 साधुओं से जमकर मारपीट

महाराष्ट्र के सांगली में 4 साधुओं से कुछ लोगों ने जमकर मारपीट की है। इन साधुओं की पिटाई बच्चा चोर समझकर की गई है। याद दिलाना होगा कि ऐसी ही एक वारदात अप्रैल 2020 में महाराष्ट्र के पालघर में हुई थी और तब भी साधुओं को जमकर पीटा गया था। उस घटना में दोनों साधुओं और उनके ड्राइवर की मौत हो गई थी और इसे लेकर खासा राजनीतिक संग्राम भी महाराष्ट्र और इसके बाहर देखने को मिला था। 

ताजा घटना में उत्तर प्रदेश के मथुरा से यह चार साधु महाराष्ट्र के सांगली में पहुंचे थे। जब इन साधुओं के साथ मारपीट हुई तो वह बीजापुर से पंढरपुर के मंदिर जा रहे थे। 

मारपीट की वारदात का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। पुलिस ने कहा है कि यह सभी साधु उत्तर प्रदेश के एक अखाड़े से संबंधित हैं। 

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न्यूज़ एजेंसी पीटीआई ने पुलिस के हवाले से कहा है कि जब इन साधुओं ने एक लड़के से पंढरपुर के मंदिर जाने का रास्ता पूछा तो स्थानीय लोगों ने इन पर शक जाहिर किया कि यह लोग बच्चा चोरी करने वाले गिरोह के सदस्य हो सकते हैं। 

इसके बाद साधुओं को लवाना नाम के गांव में एक मंदिर के नजदीक कुछ लोगों ने रोक लिया और उनकी साधुओं के साथ जमकर बहस हुई। इसके बाद साधुओं को जमकर पीटा गया। साधुओं ने उन्हें छोड़ देने की गुहार लगाई लेकिन लोग पीटते रहे। 

सख्त कार्रवाई होगी: बीजेपी 

महाराष्ट्र बीजेपी के विधायक राम कदम ने इस घटना की निंदा की है और कहा है कि राज्य सरकार साधुओं के साथ इस तरह के बर्ताव को कतई बर्दाश्त नहीं करेगी। राम कदम ने कहा है कि घटना में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। 

बच्चा चोरी की अफवाह से दहशत

यहां पर यह भी बताना होगा कि बच्चा चोरी की अफवाह को लेकर इन दिनों उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और कई राज्यों में दहशत भरा माहौल है। उत्तर प्रदेश में तो बच्चा चोरी की अफवाह फैलाने वालों पर पुलिस ने रासुका लगाने का आदेश दिया है। उत्तर प्रदेश के कई जिलों में बच्चा चोरी की अफवाहों के कारण मारपीट की घटनाएं हो चुकी हैं। 

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उत्तराखंड पुलिस ने भी कहा है कि अगर किसी ने बच्चा चोरी की अफवाह फैलाई तो उस पर रासुका के तहत कार्रवाई की जाएगी। मध्य प्रदेश में बच्चा चोरी की अफवाह के चलते कई जगहों पर मारपीट होने की घटनाएं सामने आई हैं। 

पालघर में जब दो साधुओं और उनके ड्राइवर की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई थी तब महाराष्ट्र पुलिस ने 100 से ज़्यादा लोगों को गिरफ्तार किया था। उस घटना की वजह तमाम तरह की अफवाहें थीं, जिनमें कहा जाता था कि कुछ लोग यहां कोरोना फैलाने का काम कर रहे हैं। एक अफवाह यह भी थी कि किडनी कारोबार से जुड़े कुछ लोग यहां आदिवासियों की जबरन किडनी निकालने का काम करते हैं। साधुओं पर हमला होने की घटना के पहले भी यहां दो डॉक्टर्स पर हमला हुआ था। 

पालघर की घटना में 70 वर्षीय महंत कल्पवरुक्ष गिरि, 35 वर्षीय सुशील गिरि महाराज और चालक नरेश येलगडे की मौत हुई थी।

सांप्रदायिक रंग दिया था

पालघर की घटना को बीजेपी नेताओं ने सांप्रदायिक रंग दिया था और कहा था कि पालघर में दो संतों की लिंचिंग की गई है। उस दौरान कुछ टीवी चैनलों ने भी खूब शोर मचाया था और कहा था कि देश में भगवा पहनना और हिंदू होना अपराध हो गया है। तब महाराष्ट्र की तत्कालीन सरकार के मुखिया उद्धव ठाकरे ने पालघर मामले में सांप्रदायिकता फैलाने वाले लोगों को चेताया था। पालघर के मामले में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से लेकर गृह मंत्री अमित शाह ने भी उद्धव ठाकरे को फोन कर हत्यारों को पकड़ने की मांग की थी। 

बीजेपी के तमाम केंद्रीय मंत्री, सांसद, राज्यों के नेता और कार्यकर्ता पालघर मामले में तत्कालीन उद्धव ठाकरे सरकार के खिलाफ जमकर हमलावर हुए थे। अब देखना होगा कि क्या यह नेता इसी तरह एकनाथ शिंदे और बीजेपी की अगुवाई वाली सरकार से भी सवाल करेंगे। 
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क़मर वहीद नक़वी
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