बॉलीवुड में ड्रग्स एंगल की जांच कर रही एजेंसी नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) सवालों के घेरे में है। एनसीबी पर यह आरोप लग रहे हैं कि वह दबाव डालकर अपनी मनमर्जी का काम कराना चाहती है। उधर, सुशांत की मौत को हत्या बताने पर तुले कुछ टीवी चैनल एम्स की रिपोर्ट आने के बाद सन्नाटे में हैं। इस रिपोर्ट में साफ कहा गया है कि फ़िल्म अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत हत्या नहीं आत्महत्या थी।
एनसीबी पर करण जौहर की कंपनी धर्मा एंटरटेनमेंट के पूर्व एग्जीक्यूटिव प्रोड्यूसर क्षितिज प्रसाद के उत्पीड़न का आरोप लग चुका है। क्षितिज के वकील सतीश मानशिंदे ने आरोप लगाया था कि उनके मुवक्किल पर ड्रग्स मामले में फ़िल्म निर्माता करण जौहर का नाम लेने को लेकर दबाव डाला गया।
अब प्रसाद की ओर से शनिवार को अदालत को बताया गया है कि एनसीबी के अधिकारियों ने उन पर फ़िल्मी दुनिया के सितारे रणबीर कपूर, अर्जुन रामपाल और डिनो मोरिया को झूठा फंसाने के लिए दबाव डाला। हालांकि एनसीबी ने इन आरोपों को नकारते हुए कहा है कि वह बेहद ही प्रोफ़ेशनल तरीक़े से जांच कर रही है।
क्षितिज ने अदालत को बताया है कि कई बार इससे इनकार करने के बाद भी कि वह इन फ़िल्म कलाकारों को नहीं जानते और उसे ड्रग्स से जुड़े आरोपों को लेकर भी कोई जानकारी नहीं है, उसे प्रताड़ित किया जा रहा है। क्षितिज ने कहा है कि एनसीबी की ओर से उनसे फिर से झूठे बयानों पर दस्तख़त करने को कहा गया।
क्षितिज प्रसाद 27 सितंबर से 3 अक्टूबर तक एनसीबी की हिरासत में थे। शनिवार को अदालत ने उन्हें 6 अक्टूबर तक जेल में भेज दिया।
क्षितिज ने अदालत को दी अपनी अर्जी में लिखा है, ‘ग़लत बयान देने के लिए एनसीबी के द्वारा मेरा मानसिक, भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक तौर पर उत्पीड़न किया जा रहा है।’ क्षितिज ने लिखा है कि उन्हें जांच एजेंसी के अधिकारियों ने घेर लिया, ख़ुद मनमर्जी बयान दिए और दबाव, धमकियों के बीच में उनसे इन पर दस्तख़त करने के लिए कहा। क्षितिज का आरोप है कि ऐसा न करने पर उसकी पत्नी और परिवार के अन्य सदस्यों को फंसाने की धमकी दी गई।
एनसीबी का पलटवार
एनसीबी का कहना है कि क्षितिज जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं और बेहद अकड़ू स्वभाव के और अहंकारी हैं। जांच एजेंसी का कहना है कि उन्होंने अपने ही दिए बयानों पर दस्तख़त करने से इनकार कर दिया और वह दस्तख़त करने के बदले उन पर लगे एनडीपीएस एक्ट के सेक्शन 27 ए को हटाने के लिए सौदेबाज़ी कर रहे थे।
एनसीबी ने दावा किया है कि प्रसाद ड्रग्स खरीदने और इसे बांटने की साज़िश में शामिल थे। एनसीबी के मुताबिक़ उन्हें एक अन्य अभियुक्त अंकुश अर्नेजा से गांजा मिला था। हालांकि एनसीबी का कहना है कि अभी यह नहीं पता चला है कि क्षितिज प्रसाद गांजा किसे सप्लाई करते थे और इसकी मात्रा कितनी होती थी। एनसीबी का कहना है कि कुछ वॉट्स ऐप चैट में वह ड्रग्स पैडलर से चैटिंग कर रहे हैं।
अभी तक इस मामले में 20 लोगों को गिरफ़्तारी हो चुकी है। इनमें सुशांत की एक्स गर्लफ़्रेंड रिया चक्रवर्ती, उनके भाई शौविक सहित कई अन्य लोग शामिल हैं।
दबाव बनाकर कराये सिग्नेचर
क्षितिज के वकील मानशिंदे ने कहा था कि पूछताछ के दौरान क्षितिज ने एनसीबी के अफ़सरों से कहा कि वह अपने परिवार या वकील से बात करना चाहते हैं। इस पर एक अफ़सर समीर वानखेड़े ने उससे कहा कि अगर वह चाहते हैं कि उन्हें कॉल करने दी जाए तो उन्हें उनके द्वारा तैयार किए गए बयान पर सिग्नेचर करने होंगे। मानशिंदे के मुताबिक़, ‘क्षितिज को क़ानूनी शब्दों का पता नहीं था, इसलिए उसने वकील या परिवार से बात करने के लिए बयान पर सिग्नेचर कर दिए।’ मानशिंदे ने कहा था कि क्षितिज को लगभग पूछताछ के दौरान अपमान और यातना से गुजरना पड़ा।दीपिका से पूछताछ को लेकर देखिए, वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष की मशहूर वकील आभा सिंह से बातचीत।
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