क्रूज़ ड्रग्स मामले में एनसीबी के स्वतंत्र गवाह किरण गोसावी को पुणे पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया है। गोसावी बीते कई दिनों से फरार था और पुलिस उसकी तलाश में जुटी हुई थी। गोसावी की गिरफ़्तारी धोखाधड़ी के एक मामले में हुई है। पुणे पुलिस उससे पूछताछ कर रही है।
पुणे पुलिस के कमिश्नर अमिताभ गुप्ता ने किरण गोसावी की गिरफ्तारी की खबर की पुष्टि करते हुए कहा कि पिछले काफी दिनों से पुणे पुलिस की टीम किरण गोसावी का पीछा कर रही थी लेकिन गोसावी लगातार अपनी जगह बदल रहा था।
आखिरकार पुणे पुलिस की एक टीम ने गोसावी को गिरफ्तार कर ही लिया। गोसावी की गिरफ्तारी पुणे के फरासखाना पुलिस स्टेशन में दर्ज धोखाधड़ी के एक मामले में हुई है।
इस मामले में गोसावी ने पुणे के ही एक युवक से 3 लाख से ज्यादा की रकम उसे विदेश भेजने के नाम पर ली थी। गोसावी की गिरफ्तारी के बाद अब प्रभाकर सेल द्वारा लगाए गए कथित वसूली के आरोपों के राज भी खुल सकते हैं।
पुणे पुलिस का कहना है कि किरण गोसावी को गिरफ्तार करने की कोशिश वह पिछले कई दिनों से कर रही थी, लेकिन वह पुलिस की पकड़ से बाहर था क्योंकि वह लगातार जगह बदल रहा था। इसके अलावा उसने अपना मोबाइल फोन भी बंद करके रखा हुआ था जिसकी वजह से उसका मोबाइल ट्रेस नहीं हो पा रहा था।
2 दिन पहले जब किरण गोसावी ने कई न्यूज़ चैनलों को इंटरव्यू दिया तो पुणे पुलिस ने उसकी असली लोकेशन का पता लगाया और उसे गिरफ्तार कर लिया।
गोसावी उस समय चर्चा में आया था जब एनसीबी ने कॉर्डेलिया क्रूज पर छापेमारी की थी। छापेमारी में एनसीबी ने शाहरुख ख़ान के बेटे आर्यन ख़ान सहित कई लोगों को गिरफ्तार किया था। गोसावी आर्यन को पकड़कर एनसीबी दफ्तर ले जाता हुआ दिखाई दिया था।
नवाब मलिक हमलावर
गोसावी के बॉडीगार्ड रहे प्रभाकर सैल ने दावा किया है कि समीर वानखेड़े की तरफ़ से आर्यन को छोड़ने के लिए 25 करोड़ रुपये की मांग की गई है। इसके बाद से ही महाराष्ट्र सरकार के कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक ने समीर वानखेड़े पर हमले तेज़ कर दिए हैं। वानखेड़े के ख़िलाफ़ एनसीबी जांच कर रही है और उनसे पूछताछ भी की गई है।
एक हलफ़नामे में प्रभाकर ने दावा किया है कि उसने गोसावी और सैम डिसूजा नाम के शख़्स के बीच 18 करोड़ की डील फ़ाइनल होने की बात सुनी थी। प्रभाकर के मुताबिक़, गोसावी ने कहा था कि इसमें से 8 करोड़ रुपये एनसीबी के ज़ोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े को दिए जाने थे। हालांकि इन आरोपों को समीर वानखेड़े ने खारिज कर दिया है।
गोसावी की समीर वानखेड़े के साथ तसवीरें सामने आने के बाद से ही पूछा जा रहा है कि आख़िर उसके वानखेड़े के साथ क्या संबंध हैं।
चार एफ़आईआर हैं दर्ज
गोसावी के ख़िलाफ़ धोखाधड़ी और जालसाजी की कम से कम चार एफ़आईआर दर्ज हैं। धोखाधड़ी के एक अन्य मामले में पुणे पुलिस ने गोसावी के ख़िलाफ़ लुकआउट नोटिस जारी किया था। साल 2018 में गोसावी पर पुणे में धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया था।
वायरल हुई थी सेल्फ़ी
गोसावी की आर्यन के साथ एक सेल्फी बहुत वायरल हुई थी और सवाल उठे थे कि आख़िर यह व्यक्ति कौन है। जब एनसीबी से गोसावी के बारे में पूछा गया तो एनसीबी ने साफ़ कर दिया कि गोसावी एनसीबी का अधिकारी नहीं है। ऐसे में यह सवाल उठा कि जब गोसावी एनसीबी का अधिकारी नहीं था तो फिर वह आर्यन को एस्कॉर्ट करते हुए एनसीबी के दफ्तर कैसे लेकर गया था।
एनसीबी के ज़ोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े ने दावा किया था कि गोसावी और मनीष भानुशाली उसके गवाह थे और क्रूज़ पर ड्रग्स पार्टी की जानकारी उन्होंने ही दी थी।
जब एनसीबी के अधिकारियों से यह पूछा गया था कि गोसावी और भानुशाली अभियुक्तों को एस्कॉर्ट करके एनसीबी दफ़्तर क्यों लेकर जा रहे थे तो एनसीबी ने कहा था कि वह उनके साथ जा रहे थे क्योंकि एजेंसी को उनका बयान दर्ज करना था।
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