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गौरी लंकेश

चुनाव से पहले शिवसेना में क्यों शामिल हुए गौरी लंकेश की हत्या के आरोपी?

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले एकनाथ शिंदे की पार्टी शिवसेना गौरी लंकेश से जुड़े मामले को लेकर चर्चा में आ गई है। दरअसल, पत्रकार और तार्किक विचारों की पैरोकार रहीं गौरी लंकेश की हत्या के आरोपी श्रीकांत पंगारकर शिंदे की पार्टी में शामिल हुए हैं। इस हत्याकांड के दो अन्य आरोपी कुछ दिन पहले ही तब सुर्खियों में आ गए थे जब जमानत पर जेल से बाहर आने के बाद उनका एक संस्था की ओर से सार्वजनिक रूप से स्वागत किया गया था।

गौरी लंकेश की 5 सितंबर, 2017 को कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में उनके घर के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। महाराष्ट्र की एजेंसियों की सहायता से कर्नाटक पुलिस द्वारा की गई जांच में कई लोगों को गिरफ्तार किया गया। उनकी हत्या के क़रीब 14 महीने बाद स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम यानी एसआईटी ने 2018 में 9000 से ज़्यादा पन्नों की सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर की थी। इसमें 18 लोगों को आरोपी बनाया गया था।

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एक हफ़्ते पहले ही दो मुख्य आरोपियों परशुराम वाघमोरे और मनोहर यादवे को जमानत पर रिहा होने के बाद जबर्दस्त स्वागत किया गया। हाशिए के हिंदुत्व समूहों ने दोनों आरोपियों को माला पहनाकर सम्मानित किया।

बेंगलुरु में एक विवादास्पद स्वागत समारोह आयोजित किया गया। उनके आगमन पर हिंदुत्व के कट्टरपंथी संगठनों के सदस्यों ने यह समारोह किया। विजयपुरा में अपने गृहनगर लौटने पर, स्थानीय हिंदू समर्थकों ने माला, नारंगी शॉल और जश्न के नारे लगाकर उनका स्वागत किया। दोनों को छत्रपति शिवाजी की मूर्ति के पास ले जाया गया, जिस पर उन्होंने प्रतीकात्मक रूप से माला चढ़ाई।

क़रीब दो हफ़्ते पहले ही बेंगलुरु की एक सत्र अदालत ने लंकेश की हत्या में शामिल आठ आरोपियों को ज़मानत दे दी थी। अदालत ने आरोपी अमोल काले, राजेश डी बंगेरा, वासुदेव सूर्यवंशी, रुशिकेश देवडेकर, परशुराम वाघमोर, गणेश मिस्किन, अमित बड्डी और मनोहर यादवे को ज़मानत दी थी। इससे पहले 4 सितंबर को कर्नाटक उच्च न्यायालय ने भी मामले में चार आरोपियों को ज़मानत दी थी। ज़मानत पाने वालों में भरत कुराने, श्रीकांत पंगारकर, सुजीत कुमार और सुधन्वा गोंधलेकर शामिल थे।
श्रीकांत पंगारकर ने विधानसभा चुनाव से पहले जालना में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना का दामन थाम लिया।
2001 से 2006 के बीच शिवसेना के जालना नगर पार्षद रहे पंगारकर को अगस्त 2018 में गिरफ्तार किया गया था और इस साल 4 सितंबर को कर्नाटक उच्च न्यायालय ने उन्हें जमानत दे दी थी। 2011 में शिवसेना द्वारा टिकट देने से इनकार किए जाने के बाद पंगारकर दक्षिणपंथी हिंदू जनजागृति समिति में शामिल हो गए थे।
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अब वह फिर से पार्टी नेता और पूर्व राज्य मंत्री अर्जुन खोतकर की मौजूदगी में शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना में शामिल हुए। एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार खोतकर ने संवाददाताओं से कहा, 'पंगरकर पूर्व शिव सैनिक हैं और पार्टी में वापस आ गए हैं। उन्हें जालना विधानसभा चुनाव अभियान का प्रमुख नामित किया गया है।' खोतकर ने यह भी कहा कि वह जालना से विधानसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं, लेकिन उन्होंने कहा कि महायुति में सीट बंटवारे पर चर्चा अभी भी चल रही है।  

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 20 नवंबर को होंगे, जबकि परिणाम 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे। मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर को समाप्त हो रहा है। कयास लगाए जा रहे हैं कि अब श्रीकांत को विधानसभा चुनाव के लिए टिकट मिल सकता है।

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क़मर वहीद नक़वी
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