मरीज़ों की गंभीर स्थिति में काम आने वाले उपकरणों की अस्पतालों में कमी की जैसी आशंका जताई जा रही थी, लगता है मुंबई में अब ऐसी स्थिति जल्द ही आने वाली है। शहर में आईसीयू बेड क़रीब-क़रीब भर चुके हैं और वेंटिलेटर भी अब गिने-चुने ही खाली हैं।
बृहन्मुंबई महानगरपालिका यानी बीएमसी ने कहा है कि मुंबई में क़रीब 99 फ़ीसदी आईसीयू फुल हो गए हैं। 94 फ़ीसदी वेंटिलेटर भी उपयोग में हैं। रिपोर्ट के अनुसार 11 जून को पूरी मुंबई में 1181 आईसीयू बेड थे। इनमें से 1167 उपयोग में थे यानी सिर्फ़ 14 बेड ही खाली थे। शहर भर में उपलब्ध 530 वेंटिलेटरों में से 497 उपयोग में हैं। ऑक्सीजन वाले 5260 बेड में से 3986 यानी 76 फ़ीसदी उपयोग में हैं।
Today's active #COVID19 positive cases within @mybmc are 28163 and total discharged cases are 25152. And here is Mumbai COVID19 status of yesterday 11th June. Doubling rate is now 25 days and average daily growth rate has gone down to 2.76%. pic.twitter.com/wLYJUJtVql
— Ashwini Bhide (@AshwiniBhide) June 12, 2020
बता दें कि क्रिटिकल केयर यानी गंभीर अवस्था वाले इलाज में ऑक्सीजन थैरेपी, आईसीयू और वेंटिलेटर शामिल हैं। यानी इलाज के दौरान इन तीनों में से किसी एक की भी ज़रूरत पड़ने पर मरीज़ को गंभीर स्थिति में माना जाता है।
देश में मुंबई ही वह शहर है जहाँ कोरोना वायरस के सबसे ज़्यादा संक्रमण के मामले सामने आए हैं। सिर्फ़ मुंबई शहर में ही संक्रमित लोगों की संख्या 55 हज़ार के पार कर गई है। अब तक 2044 लोगों की मौत हो चुकी है। शहर में हर रोज़ क़रीब 1200 -1500 संक्रमण के मामले हर रोज़ आ रहे हैं। बता दें कि देश में सबसे ज़्यादा संक्रमण के मामले महाराष्ट्र में ही आए हैं। देश में महाराष्ट्र ही अकेला ऐसा राज्य है जहाँ कोरोना संक्रमण के मामले 1 लाख से ज़्यादा हो गए हैं।
महाराष्ट्र के बारे में अनुमान लगाया गया था कि 8 अगस्त तक राज्य में आईसीयू बेड कम पड़ जाएँगे, जबकि 27 जुलाई तक वेंटिलेटर कम पड़ने की आशंका है।
केंद्र के प्रजेंटेशन के अनुसार, तमिलनाडु में 9 जुलाई तक आईसीयू बेड और वेंटिलेटर कम पड़ जाएँगे और ऑक्सीजन वाले आइसोलेशन वार्ड 21 जुलाई तक कम पड़ जाएँगे।
संक्रमण के ऐसी ही रफ़्तार से बढ़ने पर कुछ ऐसे ही अनुमान पाँच राज्यों-केंद्र शासित प्रदेश- हरियाणा, कर्नाटक, जम्मू-कश्मीर, मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल के लिए भी लगाए गए हैं और उन्हें व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए दो महीने पहले ही तैयारी करने को कहा गया है।
हालाँकि चिंता की बात यह है कि इसी हफ़्ते की रिपोर्ट बताती है कि पहले जहाँ 100 लोगों की जाँच होने पर 4.87 फ़ीसदी लोग पॉजिटिव आ रहे थे वहीं अब यह दर बढ़कर 5.7 हो गई है। 13 राज्यों में 46 ज़िले ऐसे हैं जहाँ 9 जून तक पॉजिटिव आने की दर 10 फ़ीसदी से ज़्यादा थी। महाराष्ट्र, दिल्ली और तेलंगाना के कई ज़िले ऐसे हैं जहाँ यह दर क़रीब 20 फ़ीसदी है।
राज्य स्तर पर महाराष्ट्र, दिल्ली और तेलंगाना में जाँच किए गए लोगों में से 10 फ़ीसदी लोगों में कोरोना पॉजिटिव की पुष्टि होती है।
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