महाराष्ट्र एंटी टैररिज्म स्क्वैड (एटीएस) ने कानपुर के कुख़्यात बदमाश रहे विकास दुबे के करीबी गुड्डन त्रिवेदी को शनिवार को महाराष्ट्र के ठाणे से दबोच लिया है। त्रिवेदी कानपुर के बिकरू गांव में पुलिसकर्मियों के साथ हुई मुठभेड़ में शामिल था। इस घटना में विकास दुबे और उसके गुर्गों ने 8 पुलिसकर्मियों को शहीद कर दिया था। घटना के बाद से ही गुड्डन फरार चल रहा था।
गुड्डन की गिरफ़्तारी दुबे का एनकाउंटर होने के एक दिन बाद हुई है। दुबे को शुक्रवार सुबह पुलिस ने कानपुर के पास मुठभेड़ में ढेर कर दिया था, उस वक्त उसे उज्जैन से कानपुर लाया जा रहा था।
जूहू एटीएस ने प्रेस रिलीज जारी कर कहा कि शनिवार को गुप्त सूचना मिलने पर ठाणे इलाके में सर्च ऑपरेशन चलाया गया और गुड्डन और उसके ड्राइवर सोनू तिवारी को गिरफ़्तार कर लिया। गुड्डन के बारे में पता चला है कि वह कई आपराधिक मामलों में शामिल रहा है और 2001 में उत्तर प्रदेश सरकार में तत्कालीन राज्यमंत्री संतोष शुक्ला के मर्डर में भी वह दुबे के साथ शामिल रहा था। शुक्ला की थाने के अंदर ही हत्या कर दी गई थी।
गुड्डन त्रिवेदी की समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ फ़ोटो बीते दिनों काफी वायरल हुई थी।
इंडिया टुडे के मुताबिक़, बिकरू गांव में हुई मुठभेड़ के बाद गुड्डन ने अपना फ़ोन गांव की ही एक दुकान में छोड़ दिया और अपने ड्राइवर के साथ मध्य प्रदेश के दतिया चला गया। दतिया से वह पहले नासिक और फिर पुणे और इसके बाद ट्रक से होता हुआ ठाणे पहुंचा।
बिकरू गांव में पुलिसकर्मियों के शहीद होने के बाद पुलिस ने विकास दुबे के साथियों के ताबड़तोड़ एनकाउंटर और गिरफ़्तारियां शुरू कर दी थीं। उत्तर प्रदेश पुलिस ने 7 जुलाई को विकास दुबे के तीन साथियों श्यामू वाजपेयी, जहान यादव और संजीव दुबे को गिरफ़्तार किया था और इसी दौरान हरियाणा की फरीदाबाद पुलिस ने भी मुठभेड़ के दौरान विकास के तीन सहयोगियों प्रभात मिश्रा निवासी बिकरू गांव, अंकुर निवासी ग्राम कापूपुर, कानपुर व एक अन्य बदमाश श्रवण को गिरफ़्तार किया था।
इसके बाद पुलिस ने प्रभात मिश्रा, अमर दुबे, रणबीर उर्फ़ बउआ दुबे और विकास के कुछ और गुर्गों का एनकाउंटर कर दिया। शुक्रवार सुबह विकास दुबे भी पुलिस के साथ मुठभेड़ में ढेर हो गया।
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