शिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा है कि महाराष्ट्र विधानसभा का विशेष सत्र बुलाना कानून के मुताबिक नहीं है। उन्होंने कहा कि शिवसेना के 16 विधायकों की अयोग्यता का मामला सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग है और 11 जुलाई तक इस बारे में कोई फैसला नहीं हो सकता। इसके बीच अगर कोई इस तरह की गतिविधि होती है तो सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि आप हमारे पास आइए।
संजय राउत ने कहा कि ऐसे में राजभवन और बीजेपी एक साथ मिलकर संविधान और विधानसभा की धज्जियां उड़ा रहे हैं तो देश के सर्वोच्च न्यायालय को इसमें दखल देना पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि शिवसेना को सुप्रीम कोर्ट पर पूरा भरोसा है और शिवसेना सुप्रीम कोर्ट के सामने न्याय की गुहार लगाएगी। राउत ने कहा कि विधायकों की इस बगावत में बीजेपी का हाथ रहा है और वह सत्ता को हथियाना चाहती है।
राउत ने कहा कि महाराष्ट्र के अंदर इस तरह की गैर कानूनी गतिविधियों को जनता देख रही है और वह चुप नहीं बैठेगी।
शिवसेना नेता ने कहा कि ढाई साल से राजभवन को एक फाइल भेजी हुई है और अब तक राज्यपाल ने इस फाइल को स्वीकृति नहीं दी। उन्होंने कहा कि राज्यपाल के ऊपर किसी का दबाव हो सकता है और बागी विधायकों को मुंबई आना पड़ेगा।
उधर, राज्यपाल के द्वारा फ्लोर टेस्ट कराए जाने का आदेश देने के बाद एनसीपी मुखिया शरद पवार के घर पर महा विकास आघाडी नेताओं की एक अहम बैठक हुई है। इसमें आगे की रणनीति को लेकर चर्चा की गई।
कल होगा फ्लोर टेस्ट
इससे पहले महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने उद्धव ठाकरे सरकार को पत्र लिखकर 30 जून को शाम 5 बजे तक फ्लोर टेस्ट कराने के लिए कहा है। राज्यपाल ने इस संबंध में उद्धव ठाकरे सरकार को पत्र भेजा है। इसमें फ्लोर टेस्ट की पूरी कार्रवाई की वीडियोग्राफी कराने और उन्हें इसकी रिपोर्ट भेजने के लिए कहा गया है। साथ ही फ्लोर टेस्ट को किसी भी सूरत में स्थगित न करने के लिए कहा गया है। विधानसभा परिसर के अंदर व आसपास सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता किए जाने के निर्देश भी दिए गए हैं।
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