महाराष्ट्र में उद्धव सरकार के गिरने से जुड़े मामले में सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के बाद एकनाथ शिंदे खेमे ने कहा है कि यह फ़ैसला उनकी जीत है। शिंदे ने कहा है, 'यह बाबासाहेब ठाकरे के विजन, शिवसेना की सोच और हमारी सरकार के लिए आम लोगों की भावनाओं की जीत है। यह जनता द्वारा चुनाव में दिए गए जनादेश की सफलता है। और बालासाहेब ठाकरे की सोच के अनुसार, जिन लोगों ने परेशान करने की कोशिश की, उन्हें आज सुप्रीम कोर्ट के आदेश से करारा जवाब दिया गया है।'
शिंदे ने फैसले को सच्चाई की जीत बताया और कहा कि अध्यक्ष दोनों खेमे द्वारा दायर अयोग्यता याचिका के गुण-दोष पर फैसला करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि उद्धव खेमे ने पहले कहा था कि उनकी सरकार गैरकानूनी और संविधान के खिलाफ है। उन्होंने जोर देकर कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अब उन सभी संदेहों को दूर कर दिया है जो प्रचारित किए जा रहे थे। उन्होंने यह भी दावा किया कि उद्धव ठाकरे ने अपने समर्थकों से पर्याप्त समर्थन की कमी महसूस करने के बाद मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने का फैसला किया था।
महाराष्ट्र सरकार में सहयोगी बीजेपी नेता और उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा, 'यह लोकतंत्र और लोकतांत्रिक प्रक्रिया की जीत है। हम सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले से संतुष्ट हैं।' उन्होंने कहा, 'आज महा विकास अघाड़ी की साजिश नाकाम हो गई है। अब, किसी को भी संदेह नहीं होना चाहिए कि महाराष्ट्र सरकार पूरी तरह से कानूनी है।'
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि शीर्ष अदालत के फ़ैसले ने शिवसेना-भाजपा सरकार को क़ानूनी और संवैधानिक ठहराया।
ठाकरे की मांग का जवाब देते हुए फडणवीस ने कहा कि उन्हें नैतिकता के बारे में बोलने का कोई अधिकार नहीं है क्योंकि शिवसेना ने बीजेपी के साथ गठबंधन में विधानसभा चुनाव जीता लेकिन फिर वह कांग्रेस के साथ चली गई।
उन्होंने कहा, 'उद्धव ठाकरे को नैतिकता की बात करना शोभा नहीं देता। मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि जब वह सीएम पद के लिए एनसीपी और कांग्रेस के साथ गए तो क्या वह अपनी नैतिकता भूल गए थे। उन्होंने नैतिक आधार पर इस्तीफा नहीं दिया था बल्कि उनके साथ के लोगों के चले जाने के डर से इस्तीफा दिया था।'
अगले विधानसभा चुनावों के लिए सुप्रीम कोर्ट का आदेश भले ही भाजपा-शिवसेना सरकार के बने रहने की गारंटी देता है और शिंदे खेमा अपनी जीत बता रहा है, लेकिन एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस सरकार कैसे बनी, इसके बारे में कोर्ट का फ़ैसला यह संदेश देता है कि यह एमवीए गठबंधन के लिए एक बड़ा मनोबल बढ़ाने वाला है। इस फ़ैसले के बाद अब शिवसेना (यूबीटी), एनसीपी और कांग्रेस में पार्टियों के भीतर और अंतर-पार्टी तनाव भी कम हो सकता है।
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