महाराष्ट्र में चल रहे सियासी नाटक के बीच सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या अजीत पवार का एनसीपी तोड़ने का पूरा खेल ख़राब हो गया है? विधायक धनंजय मुंडे के वापस पार्टी की बैठक में लौटने से यह बात अब चर्चा में है। इससे पहले सुबह से ही यह कहा जा रहा था कि मुंडे के माध्यम से ही यह पूरा ‘खेल’ बीजेपी के नेताओं और अजीत पवार ने रचा था। सुबह जब यह ख़बर चली कि अजीत पवार ने उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है तो पूरा महाराष्ट्र ही नहीं देश भी सन्न रह गया था।
सुबह यह ख़बर चली कि अजीत पवार के साथ 22 विधायक गए हैं लेकिन बाद में यह संख्या 11 रह गयी और उसमें से 8 विधायक शाम तक वापस एनसीपी में आ गए। मुंबई में वाईबी चव्हाण प्रतिष्ठान में एनसीपी के विधायक दल की बैठक में नए विधायक दल के नेता का चुनाव होना है। बैठक में धनंजय मुंडे, माणिक राव कोकाटे, दिलीप बनकर, सुनील भुसारा, नरहरी झिरवल, राजेंद्र शिंगडे, सुनील टिंगरे, सुनील सेलके वापस आ गए हैं।
शनिवार शाम को यह ख़बर आई थी कि शरद पवार के कुछ क़रीबी लोगों ने अजीत पवार को समझाने की कोशिश थी कि वह बीजेपी का साथ छोड़ दें और सरकार से इस्तीफा दे दें। इन लोगों में दिलीप वलसे पाटिल, सुनील तटकरे, हसन मुशरिफ शामिल थे।
भले ही अजीत पवार ने सुबह 8 बजे शपथ ले ली हो लेकिन शरद पवार को इसकी सूचना सुबह साढ़े 6 बजे मिल गयी थी। पवार को एक विधायक का फोन आया था कि अजीत पवार ने उन्हें राजभवन में बुलाया है। पवार ने स्वयं इस बात का खुलासा किया था। सुबह हुई प्रेस कॉन्फ़्रेन्स में शरद पवार ने मीडिया के समक्ष 4 विधायकों को पेश भी किया था और उनका बयान भी दिलाया था। सभी विधायक एक जैसी ही बात कह रहे हैं कि उन्हें रात बारह बजे एक होटल में बुलाया गया था और सभी को यह बताया गया कि सुबह राजभवन में शपथ लेने आना है। चार विधायक वापस सुबह ही शरद पवार के पास चले आये। बात में पवार ने जब बयान दिया कि अनुशासन भंग करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी और कहा कि उन्हें विद्रोहियों को हराना आता है, तो इस बयान का असर ही कह सकते हैं कि शाम होते-होते अधिकांश विधायक वापस लौट आये।
शनिवार सुबह यह ख़बर आते ही कि राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री और अजीत पवार को उप मुख्यमंत्री पद की शपथ दिला दी है, महाराष्ट्र के सियासी गलियारों में हंगामा मच गया। थोड़ी ही देर बाद एनसीपी के प्रमुख शरद पवार ने ट्वीट किया कि यह अजीत पवार का निजी फ़ैसला है और इसका पार्टी से कोई लेना-देना नहीं है। शरद पवार ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के साथ प्रेस कॉन्फ़्रेंस भी की और कहा कि उनके पास सरकार बनाने के लिए पर्याप्त संख्या में विधायक हैं और तीनों दल मिलकर सरकार बनाएंगे भी।
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