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शिंदे आखिरकार उप मुख्यमंत्री बने, सीएम फडणवीस के साथ शपथ ली

एकनाथ शिंदे आखिरकार उप मुख्यमंत्री बन गए। भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस के साथ ही शिंदे ने भी शपथ ली। इसके साथ 24 घंटे से चल रहा सस्पेंस खत्म हो गया कि शिवसेना प्रमुख महायुति 2.0 सरकार का हिस्सा होंगे या नहीं। मुंबई के आज़ाद मैदान में शपथ ग्रहण समारोह हुआ। फडणवीस ने सितारों से सजी एक भव्य पार्टी में तीसरी बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, शीर्ष केंद्रीय मंत्री और कई राज्यों के मुख्यमंत्री भव्य शपथ ग्रहण समारोह का हिस्सा बने। समारोह में उद्योगपति, बॉलीवुड अभिनेता और अन्य प्रमुख हस्तियाँ शामिल हुईं।

शपथ ग्रहण समारोह से कुछ देर पहले तक एकनाथ शिंदे की स्थिति को लेकर अस्पष्टता रही कि वह उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे या नहीं। आख़िरकार शपथ ग्रहण से थोड़ी ही देर पहले इस पर पुष्टि की जा सकी। एकनाथ शिंदे फडणवीस के दो उप-मुख्यमंत्रियों में से एक हैं। एनसीपी के अजित पवार भी उप-मुख्यमंत्री बनाए गए हैं। 

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महायुति के साथी शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे और एनसीपी प्रमुख अजित पवार को उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ दिलाई गई है। मौजूदा 1+2 फार्मूले को बरकरार रखा गया है, हालांकि इसमें फडणवीस के पक्ष में महत्वपूर्ण बदलाव किया गया है और वह सीएम की कुर्सी पर पहुँच गए और शिंदे उप मुख्यमंत्री के पद पर।

पिछले ढाई साल से महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में शासन करने के बाद शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे को देवेंद्र फडणवीस की नई सरकार में उपमुख्यमंत्री का पद स्वीकार करने की कड़वी गोली निगलनी पड़ी है। हालांकि, यह दोनों दलों के बीच गहन बातचीत के बाद हुआ है। सत्ता-साझाकरण के फार्मूले और पोर्टफोलियो वितरण को अंतिम रूप देने के लिए शिवसेना ने भाजपा के साथ गहन बातचीत की, जिसमें शिंदे उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के लिए तभी सहमत हुए जब पिछले सप्ताह भाजपा नेताओं और उनकी पार्टी के विधायकों ने उन्हें मनाने का प्रयास किया।

लोकसभा चुनावों में भाजपा की तुलना में शिवसेना के बेहतर प्रदर्शन के महीनों बाद विधानसभा में इसने 57 सीटें जीतीं। वह विधानसभा में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी। शिंदे ने सीएम पद की चाहत रखी होगी, लेकिन भाजपा की 132 सीटों की ऐतिहासिक जीत ने ऐसा होने की किसी भी संभावना को खत्म कर दिया।

मुख्यमंत्री के रूप में यह देवेंद्र फडणवीस का तीसरा कार्यकाल है। उन्होंने पहली बार अक्टूबर 2014 से नवंबर 2019 तक शीर्ष पद पर कार्य किया। हालाँकि, उनका दूसरा कार्यकाल 2019 में कुछ दिनों तक चला था।

तब अविभाजित शिवसेना भाजपा के साथ गठबंधन से बाहर निकल गई थी। फडणवीस ने अचानक सुबह-सुबह सीएम के रूप में शपथ ले ली थी और तब अविभाजित एनसीपी के अजित पवार को उप मुख्यमंत्री बनाया था। हालाँकि अजित की बगावत के बावजूद एनसीपी से उनको समर्थन नहीं मिला और आख़िरकार फडणवीस सरकार गिर गई थी।

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उसके बाद कांग्रेस, शिवसेना और एनसीपी का एमवीए गठबंधन बना था और उनकी सरकार बनी थी। तब फडणवीस ने कहा था, 'मेरा पानी उतरता देख मेरे किनारे पर घर मत बसा लेना, मैं समंदर हूं लौटकर वापस आऊंगा।' हालाँकि, एमवीए की सरकार क़रीब ढाई साल ही चल पाई और शिवसेना में बगावत हो गई। शिंदे ने बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाई। तब शिंदे सीएम बने थे और फडणवीस उप मुख्यमंत्री। बाद में एनसीपी में बगावत हुई और अजित पवार भी महायुति में शामिल हो गए। 

अब चुनाव बाद नई सरकार बनी है और फडणवीस सीएम बने हैं। शपथ ग्रहण समारोह के मद्देनजर मुंबई में सुरक्षा बढ़ा दी गई। संयुक्त पुलिस आयुक्त सत्य नारायण चौधरी ने संवाददाताओं को बताया कि मुंबई पुलिस ने 5 अतिरिक्त आयुक्तों, 15 डीसीपी, लगभग 700 अधिकारियों और 4,000 से अधिक सुरक्षाकर्मियों को शामिल किया। कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए राज्य रिजर्व पुलिस बल, और त्वरित प्रतिक्रिया दल, दंगा नियंत्रण दल, डेल्टा, लड़ाकू दल और बम निरोधक दस्ते की टीमों को भी तैनात किया गया। 

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क़मर वहीद नक़वी
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