गुजरात के सरकारी सिविल अस्पताल पर तो हाई कोर्ट तक अपनी प्रतिक्रिया दे चुका है, जिसमें उसने अहमदाबाद सिविल अस्पताल की तुलना कालकोठरी से की थी। गुजरात से सटे महाराष्ट्र के जलगाँव स्थिति सिविल अस्पताल की एक घटना भी रोंगटे खड़े कर देने वाली है।
बेहद परेशान करने वाले एक घटनाक्रम में महाराष्ट्र में कोरोना इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती एक बुजुर्ग महिला की सड़ी-गली लाश आठ दिनों के बाद टॉयलेट से निकाली गई। यह कहानी उस परिवार की है, जिसकी एक और महिला की मौत आईसीयू का इंतजार करते-करते हो गई।
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घर चली गई?
इंडियन एक्सप्रेस ने एक ख़बर में कहा है कि महाराष्ट्र के जलगाँव में 82 साल की बुजुर्ग महिला मालती नेहेटे को 2 जून को सिविल अस्पताल में दाखिल कराया गया। अस्पताल ने दावा किया कि यह बुजुर्ग महिला खुद ब खुद अस्पताल से चली गईं।इस अस्पताल में दाखिल मालती नेहेटे सांस की तकलीफ़ के बीच टॉयलेट गईं और वहीं उन्होंने अंतिम सांस लीं।
अस्पताल के किसी आदमी ने उस क्यूबिकल में जाकर भर्ती रोगी का हालचाल जानने की कोशिश नहीं की, किसी ने यह पता लगाने की कोशिश नहीं कि वह महिला आखिर कहाँ है।
उन्हें खोजने की कोशिश नहीं हुई। इसके उलट घर वालों को कहा गया कि वह खद ब खुद चली गईं। सवाल यह है कि क्या किसी रोगी को इस तरह बग़ैर पैसे चुकाए और बग़ैर औपचारिकताएं पूरी किए क्या कोई अस्पताल जाने देता है?
जाँच के आदेश
इस कांड पर हल्ला मचने के बाद अस्पताल के डीन डॉक्टर बी. एस. खैरे समेत 5 लोगों को निलंबित कर दिया गया। स्वास्थ्य शिक्षा के सचिव संजय मुखर्जी ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा किविस्तृत जाँच का आदेश दे दिया गया है।इस अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में रोगियों को बेडपैन नहीं दिया गया था और नर्स व दूसरे स्टाफ रोगियों को छूने से भी इनकार कर रहे थे। बुजुर्ग महिला के पोते हर्षल नेहेटे के लिए यह दुहरी त्रासदी है। इसके पहले 60 साल की उम्र की उनकी माँ की मौत कोरोना से हो गई।
हर्षल नेहेटे अपनी माँ को लेकर अस्पताल में आईसीयू में बेड पाने का इंतजार करते रहे। उनकी माँ इंतजार करते-करते यह दुनिया छोड़ गईं।
हर्षल ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, 'मैं सोचता हूं तो काँप जाता हूँ। वह कैसे चल कर गई होगी अकेले टॉयलेट तक। वह तो ठीक से चल भी नहीं पाती थी।'
मालती नेहेटे के गायब होने की बात कहे जाने पर उनके परिजन पुलिस में गये, पुलिस ने अस्पताल का मुआयाना भी किया। हर्षल नेहेटे ने कई बार कहा कि एक बार टॉयलेट देख लिया जाए पर किसी ने टॉयलेट की जाँच नहीं की।
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