ईडी द्वारा पत्नी वर्षा राउत को पंजाब-महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव (पीएमसी) बैंक मनी लॉन्ड्रिंग केस में पूछताछ के लिए बुलाए जाने पर शिव सेना सांसद संजय राउत ने तगड़ा पलटवार किया है। राउत ने कहा है कि यह समन राजनीति से प्रेरित है और ईडी ने दस साल पुराने मामले को निकाला है।
राउत ने सोमवार को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेन्स में कहा, ‘ईडी, सीबीआई या इनकम टैक्स का महत्व गिरता जा रहा है। पहले जब ये कोई कार्रवाई करती थीं, तो लगता था कि कुछ गंभीर मामला है लेकिन पिछले कुछ सालों से इन एजेंसियों की कार्रवाइयों को देखकर लगता है कि एक राजनीतिक दल अपनी भड़ास निकाल रहा है।’
शिव सेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के बेहद क़रीबी माने जाने वाले राउत ने कहा कि उनके पास बीजेपी के नेताओं की फ़ाइल है जिसमें 121 नेताओं के नाम हैं और वे जल्द ही इसे ईडी को देंगे।
राउत ने कहा, ‘मेरी पत्नी शिक्षिका है और 10 साल पहले उन्होंने अपने दोस्त से 50 लाख रुपये का कर्ज लिया था। हमने इस कर्ज को छुपाया नहीं है और राज्यसभा के एफ़िडेविट में दिखाया है।’ राउत ने पूछा कि इसमें बीजेपी और ईडी को क्या तकलीफ है।
शिव सेना प्रवक्ता राउत ने कहा, ‘बीजेपी में ऐसे बड़े सूरमा बैठे हैं, अगर मैं उनके परिवार तक पहुंचा तो उनको देश छोड़कर भागना पड़ेगा। नीरव मोदी और विजय माल्या के साथ बीजेपी की पूरी पलटन लंदन में खड़ी हो जाएगी।’ राउत ने आक्रामक अंदाज में कहा कि बीजेपी उनसे पंगा न ले।
संजय राउत ने कहा, ‘मैंने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से बात की है और शिव सेना इसका अपने हिसाब से जवाब देगी। घबराने की कोई ज़रूरत नहीं है।’
महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री आदित्य ठाकरे ने इस मामले में कहा कि ईडी का समन राजनीति से प्रेरित क़दम है और हम इससे डरने वाले नहीं हैं। उन्होंने कहा कि महा विकास अघाडी की सरकार पूरी तरह स्थिर है।
29 दिसंबर को बुलाया
ईडी ने राउत की पत्नी वर्षा राउत को 29 दिसंबर को पूछताछ के लिए बुलाया है। जांच एजेंसी ने वर्षा से मुंबई स्थित दफ़्तर में आने के लिए कहा है। ईडी की ओर से उन्हें यह तीसरा समन है। इससे पहले दो बार भेजे गए समन के बाद वर्षा राउत ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया था। यह समन मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के उल्लंघन के तहत पूछताछ के लिए भेजा गया है।
ईडी ने पिछले साल अक्टूबर में पीएमसी बैंक में हुए कथित लोन फर्जीवाड़े का मामले में हाउसिंग डेवलपमेंट इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (एचडीआईएल) के प्रमोटर्स राकेश कुमार वधावन, उनके बेटे सारंग वधावन, पूर्व चेयरमैन वरयाम सिंह और पूर्व मैनेजिंग डायरेक्टर जॉय थॉमस के ख़िलाफ़ मुक़दमा दर्ज किया था।
देखिए, संजय राउत से खास बातचीत-
इस मामले में ईडी ने मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा की ओर से दर्ज एफ़आईआर का संज्ञान लेते हुए कार्रवाई की थी। एफ़आईआर में कहा गया था कि पीएमसी बैंक को 4,355 करोड़ का नुक़सान हुआ है।
बीजेपी से एनसीपी में आए वरिष्ठ नेता एकनाथ खडसे को भी ईडी की ओर से समन भेजा गया है। खडसे से पुणे के भोसरी इलाक़े में एक ज़मीन ख़रीद के मामले में मनी लॉन्ड्रिंग को लेकर 30 दिसंबर को पूछताछ के लिए उपस्थित होने को कहा गया है।
जांच एजेंसियां बनीं हथियार
महाराष्ट्र में दोनों दलों के बीच चल रही सियासी अदावत को जुबानी हमलों के अलावा जांच एजेंसियों के जरिये भी लड़ा जा रहा है। एक ओर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे कहते हैं कि वह हाथ धोकर पीछे पड़ेंगे तो दूसरी ओर उनकी सरकार ने भी केंद्रीय जांच एजेंसियों को जवाब देने के लिए क़दम उठाए हैं और राज्य की जांच एजेंसियों को सक्रिय किया है।
फडणवीस पर कसा शिकंजा
कुछ दिन पहले इस लड़ाई की आंच महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस तक भी पहुंची और महा विकास अघाडी सरकार ने फडणवीस के ड्रीम प्रोजेक्ट जलयुक्त शिवार योजना में हुए कथित घोटाले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया। एसआईटी को अपनी रिपोर्ट देने के लिए 6 माह का वक़्त दिया गया है। फडणवीस के खासमखास गिरीश महाजन के करीबियों पर कार्रवाई की गई थी और भाईचंद हीराचंद रायसोनी क्रेडिट सोसायटी पर महाराष्ट्र पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने छापामारी की थी। इस क्रेडिट सोसायटी में कथित घोटाला होने की बात कही गयी है।दोनों दलों के बीच जारी यह जंग तब तेज़ हुई थी जब उद्धव ठाकरे सरकार के ख़िलाफ़ अनाप-शनाप बयानबाज़ी करने वाले पत्रकार अर्णब गोस्वामी के विरोध में आवाज़ उठाने वाले शिव सेना विधायक प्रताप सरनाइक के घर और दफ़्तर पर ईडी ने छापेमारी की थी।
ईडी की इस कार्रवाई पर शिव सेना सांसद संजय राउत ने बीजेपी का नाम लिए बिना कहा था कि अगर आपने आज ये काम शुरू किया है तो हम इसे ख़त्म करना जानते हैं। कुल मिलाकर दोनों दल अब एक-दूसरे के समर्थकों पर अपनी ताक़त का इस्तेमाल करने से बाज़ नहीं आ रहे हैं।
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