शिवसेना नेता संजय राउत के बयान के बाद कांग्रेस ने गुरुवार शाम 5 बजे बैठक बुलाई। बैठक में ताजा हालात के मद्देनजर पार्टी की रणनीति क्या हो, इस पर बात होगी। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि शिवसेना को गठबंधन से बाहर जाना है तो यह उसका अपना मामला है। हम बीजेपी को रोकने के लिए साथ आए थे। अब शिवसेना बाहर जाती है तो इसमें कांग्रेस कुछ नहीं कर सकती। चर्चा है कि कांग्रेस के कुछ विधायक भी टूट सकते हैं। कांग्रेस की यह बैठक इसी के मद्देनजर बुलाई गई है। हालांकि इस संबंध में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। कांग्रेस पर्यवेक्षक कमलनाथ को मुंबई भेजा गया था लेकिन वे मध्य प्रदेश चले गए हैं।
कांग्रेस ने जहां महा विकास अघाड़ी सरकार के बने रहने की उम्मीदें लगभग छोड़ दी हैं, वहीं कांग्रेस महाराष्ट्र में अपने ही विधायकों को लेकर भी चिंतित हैं। पार्टी के कुछ नेताओं का मानना है कि कई विधायक "कमजोर" हैं। वे खिसक सकते हैं। कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व इन विधायकों को एकसाथ रखने में कोई वास्तविक दिलचस्पी नहीं ले रहा है। बुधवार की रात मुंबई भेजे गए एआईसीसी पर्यवेक्षक कमलनाथ थोड़े समय के प्रवास के बाद मध्य प्रदेश लौट गए।
आधिकारिक तौर पर, कांग्रेस ने कहा कि उसके 44 विधायक उसके साथ हैं। कमलनाथ ने दावा किया है कि उन्होंने 41 से मुलाकात की और तीन से फोन पर बात की। कमलनाथ ने एनसीपी प्रमुख शरद पवार से मुलाकात की और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से बात की और एमपी जाने से पहले उन्होंने शीर्ष नेतृत्व को स्थिति से अवगत कराया।
एआईसीसी के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है : लगता है उद्धव ने लड़ने की इच्छाशक्ति खो दी है। शायद उन्हें स्वास्थ्य संबंधी समस्या है। वैसे भी हम बहुत कुछ नहीं कर सकते। यही हाल एनसीपी का भी है। यह शिवसेना पर है कि वह सरकार को बचाने के लिए जो कुछ भी कर सकती है, वह करे।
एक वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि महाराष्ट्र के एआईसीसी प्रभारी एच के पाटिल विधायकों को एक साथ रखने की पहल ही नहीं कर रहे हैं। हमारे विधायक खुले घूम रहे हैं। हमें कम से कम उन्हें किसी होटल में ले जाना चाहिए। मत भूलिए कि कुछ दिन पहले एमएलसी चुनाव में कांग्रेस की ओर से क्रॉस वोटिंग हुई थी।
एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि दो से सात विधायकों ने क्रॉस-वोट किया था, जिसके परिणामस्वरूप पार्टी की पहली पसंद के उम्मीदवार, राज्य कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष चंद्रकांत हांडोर की हार हुई। लेकिन क्या पार्टी ने इस पर ध्यान दिया है? क्या पार्टी ने विधायकों की पहचान कर ली है? क्या उनसे बात की गई है?
पार्टी ने पहली पसंद के उम्मीदवार हंडोरे को 29 और अपने दूसरे उम्मीदवार भाई जगताप को 15 वोट दिए थे। लेकिन हंडोरे को केवल 22 वोट मिले और जगताप 20 वोट हासिल करने में सफल रहे और जीत गए।
इस तरह कांग्रेस के कई विधायकों पर शक बना हुआ है। जिन्होंने क्रॉस वोटिंग की है, वो पार्टी छोड़कर बीजेपी के साथ मिल सकते हैं और राज्य में नई सरकार बनवा सकते हैं।
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