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मुंबई: शिवसेना भवन जैसा बड़ा दफ्तर खोलेंगे सीएम शिंदे

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे एक बार फिर से पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे की मुश्किलें बढ़ाने जा रहे हैं। मुंबई में होने वाले बीएमसी चुनाव की शिंदे गुट ने तैयारी शुरू कर दी है। इसी को देखते हुए सीएम एकनाथ शिंदे ने मुंबई के दादर में शिवसेना भवन के सामने एक समानांतर भवन शुरू करने का फ़ैसला किया है। एकनाथ शिंदे गुट के प्रवक्ता किरण पावसकर का कहना है कि इस दफ्तर को नया शिवसेना भवन का नाम नहीं दिया गया है बल्कि एक बड़ा ऑफिस खोला जा रहा है ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों का सरकार काम कर सके।

एकनाथ शिंदे पहले ही 40 विधायकों और 12 सांसदों के ज़रिये उद्धव ठाकरे को बड़ा झटका दे चुके हैं और बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बना चुके हैं। कुछ दिन पहले एकनाथ शिंदे ने शिवसेना पार्टी पर अपना कब्जा ठोकते हुए चुनाव आयोग से शिवसेना के चुनाव चिह्न धनुष बाण की मांग की थी जिसके बाद उद्धव ठाकरे ने अदालत का दरवाजा खटखटाया था। ऐसी संभावना पहले जताई जा रही थी कि एकनाथ शिंदे शिवसेना भवन पर भी दावा ठोक देंगे लेकिन अभी तक उन्होंने भवन पर अपना दावा नहीं ठोका है। उल्टे एकनाथ शिंदे ने शिवसेना भवन के समानांतर एक बड़ा दफ्तर खोलने का ऐलान किया है।

हालाँकि, राजनीतिक गलियारों में इस बड़े दफ्तर को दूसरा शिवसेना भवन बताया जा रहा है लेकिन शिंदे गुट ने फ़िलहाल इसे दूसरा शिवसेना भवन नाम देने से इनकार कर दिया है। एकनाथ शिंदे गुट के प्रवक्ता किरण पावसकर का कहना है कि शिवसेना पर पूर्ण अधिकार शिंदे गुट का है लेकिन बावजूद इसके उन्होंने शिवसेना भवन पर अपना दावा नहीं ठोका है। पावसकर का कहना है कि शिवसेना भवन बाला साहब ठाकरे का एक प्रेरणा स्थान रहा है लिहाजा उन्होंने शिवसेना भवन के समानांतर ही एक ऐसा बड़ा दफ्तर खोलने का ऐलान किया है ताकि महाराष्ट्र के कोने-कोने से आए शिव सैनिकों को इस दफ्तर में संबोधित किया जा सके और उनके काम किये जा सकें।

किरण पावसकर ने सत्य हिंदी से एक्सक्लूसिव बातचीत में कहा कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे चाहते हैं कि जिस तरह से महाराष्ट्र के कोने-कोने से शिवसैनिक आकर शिवसेना भवन को अपना शक्ति स्थल मानते हैं उसी तरह से इस नए दफ्तर को भी उन लोगों के कामकाज के लिए खोला जा रहा है जो मंत्रालय में या फिर मुख्यमंत्री तक पहुंच नहीं पाते हैं। 

पावसकर ने कहा कि इस तरह के बड़े दफ्तर मुंबई के अलावा दूसरे ज़िलों में भी खोले जाएंगे ताकि जनता से सीधा संवाद किया जा सके। किरण पावसकर ने यह भी साफ़ कर दिया है कि शिंदे सरकार जो नया और बड़ा दफ्तर खोलने जा रही है वह शिवसेना भवन के एकदम पास ही होगा। इस हिसाब से एकनाथ शिंदे गुट उद्धव ठाकरे को भावनात्मक आधार पर निशाना साध रहा है।

शिंदे गुट के प्रवक्ता किरण पावसकर ने कहा कि प्रस्तावित नए कार्यालय का काम तेजी से शुरू किया जा चुका है। हालाँकि, अभी तक यह तय नहीं किया है कि इस कार्यालय का नाम क्या रखा जाएगा।

लेकिन सूत्रों का कहना है कि इस दफ्तर के नाम के बारे में खुद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ही फ़ैसला लेंगे कि इसका नाम क्या रखा जाए।

किरण पावसकर से जब यह पूछा गया कि नया दफ्तर दादर में ही क्यों बनाया जा रहा है तो इस पर उन्होंने कहा कि दादर मुंबई का मध्य भाग है। इसी इलाक़े में बालासाहेब ठाकरे का समाधि स्थल भी है। शिवसेना भवन से शिवाजी पार्क भी काफी नजदीक है और शिवाजी पार्क से शिवसेना की पुरानी यादें जुड़ी हुई हैं। यही कारण है कि एकनाथ शिंदे ने दादर के शिवाजी पार्क के पास ही अपने आलीशान दफ्तर को खोलने का फ़ैसला किया है। 

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किरण पावसकर ने पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और उनके बेटे आदित्य ठाकरे पर निशाना साधते हुए कहा कि शिवसेना पर सिर्फ 2 लोगों का ही कब्जा हुआ करता था। जबकि दूसरे छोटे कार्यकर्ताओं की बात नहीं सुनी जा रही थी। यही कारण रहा कि शिवसेना में इतने बड़े पैमाने पर विधायक और सांसद बगावत कर गए। उन्होंने कहा कि मुंबई में बहुत जल्द बीएमसी का चुनाव भी होना है। इसके लिए हमने भी अपनी तैयारी शुरू कर दी है। उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे गुट के मुंबई के पूर्व नगरसेवक बहुत जल्द मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को समर्थन करने वाले हैं। बता दें कि बीजेपी और एकनाथ शिंदे एशिया की सबसे धनी महानगरपालिका बीएमसी पर हर हाल में कब्जा करना चाहते हैं।
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सोमदत्त शर्मा
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