महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा है कि एनसीपी ने कांग्रेस की पीठ में छुरा घोंपा है और वह इसकी शिकायत कांग्रेस हाईकमान से करेंगे। नाना पटोले ने महाराष्ट्र की गोंदिया जिला परिषद के चुनाव में एनसीपी के बीजेपी के साथ हाथ मिलाने को लेकर यह बात कही।
पटोले के बयान से पता चलता है कि महाराष्ट्र की महा विकास आघाडी सरकार में शामिल दलों के बीच कुछ खटपट जरूर चल रही है।
नाना पटोले ने कहा, “एनसीपी लगातार कांग्रेस की पीठ में छुरा घोंप रही है और उसने ऐसा कई जगहों पर किया है। जैसे मालेगांव और भिवंडी में। हम बीजेपी के साथ उनके रिश्ते के बारे में जरूर बात करेंगे।”
नाना पटोले भंडारा जिले की सकोली सीट से विधायक हैं और 2014 में भंडारा-गोंदिया लोकसभा सीट से सांसद चुने गए थे। पटोले ने कहा कि उन्होंने गोंदिया जिला परिषद के चुनाव में एनसीपी के बड़े नेताओं से बातचीत भी की थी लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया और फिर बीजेपी के साथ गठबंधन कर लिया।
पटोले ने कहा कि विश्वासघात उनके खून में नहीं है और हम उम्मीद करते हैं कि अगर आप दोस्त बने रहना चाहते हैं तो अपनी दोस्ती में ईमानदार रहें और दूसरों की पीठ में छुरा ना घोंपे।
साल 2019 में हुए विधानसभा चुनाव के बाद बीजेपी को सत्ता से बाहर रखने के लिए शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस एक मंच पर आए थे और अब महा विकास आघाडी की सरकार महाराष्ट्र की सत्ता में ढाई साल पूरा करने वाली है।
महाराष्ट्र कांग्रेस में रार
हालांकि पटोले ने शिकायत एनसीपी को लेकर की है लेकिन खुद महाराष्ट्र कांग्रेस के अंदर भी झगड़ा जोरों पर है। कुछ दिन पहले ही महाराष्ट्र कांग्रेस के नेता दिल्ली आकर सोनिया गांधी से मिले थे और उन्होंने कुछ पार्टी नेताओं की शिकायत की थी। नाना पटोले के तमाम बयानों को लेकर भी महाराष्ट्र कांग्रेस में कुछ नेता नाराजगी जाहिर कर चुके हैं।
एनसीपी ने दिया जवाब
पटोले के आरोपों को महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष जयंत पाटिल ने नकार दिया। पाटिल ने कहा कि ऐसी उम्मीद थी कि स्थानीय नेता एकजुट होंगे और महा विकास आघाडी की जीत होगी और नाना पटोले ने हमसे संपर्क भी किया था लेकिन ऐसा लगता है कि स्थानीय स्तर पर नेताओं के संबंध ठीक नहीं थे और हम इस वजह से हाथ नहीं मिला सके।
पाटिल ने कहा कि पार्टी इस मामले को देखेगी। उन्होंने कहा कि एनसीपी महा विकास आघाडी सरकार के दलों को एकजुट रखना चाहती है।
इस साल जनवरी में नासिक जिले के मालेगांव में कांग्रेस के 28 पार्षद एनसीपी में शामिल हो गए थे। तब भी कांग्रेस और एनसीपी के रिश्तों में खटास दिखाई दी थी।
हालांकि महा विकास आघाडी गठबंधन की कमान वरिष्ठ नेता शरद पवार के पास है लेकिन सरकार को लंबे वक्त तक चलाने के लिए तीनों ही दलों को एकजुट रहना होगा क्योंकि केंद्रीय जांच एजेंसियों की कार्रवाइयों को लेकर शिवसेना और एनसीपी की बीजेपी के साथ जबरदस्त तल्खी चल रही है।
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