ईडी ने सोमवार रात को महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को गिरफ़्तार कर लिया है। इससे पहले जांच एजेंसी ने उनसे 12 घंटे तक पूछताछ की। भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिन्ग के आरोपों के मामले में देशमुख की गिरफ़्तारी हुई है। देशमुख सोमवार को दिन में ईडी के दफ़्तर पहुंचे थे और देर रात उनकी गिरफ़्तारी हुई है। इस दौरान ईडी ने देशमुख के बयान भी दर्ज किए थे। देशमुख को आज हॉलिडे कोर्ट में पेश किया जाएगा।
अनिल देशमुख उस समय सीबीआई और ईडी के निशाने पर आए थे जब मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त परमबीर सिंह ने अनिल देशमुख पर मुंबई के पब, रेस्टोरेंट और बार से हर महीने 100 करोड़ रुपये की वसूली करने के आरोप लगाए थे। परमबीर सिंह ने इस बारे में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखा था।
‘झूठे आरोप लगाए’
देशमुख ने सोमवार को एक वीडियो जारी कर कहा था कि मीडिया में इस बारे में ग़लत ख़बर चल रही है कि वे जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा था कि उनके स्टाफ़ और पूरे परिवार ने हमेशा से जांच में ईडी को सहयोग दिया है। देशमुख ने कहा था कि कुछ लोगों ने अपने फ़ायदे के लिए झूठे आरोप लगाकर उन्हें शिकार बना लिया।
देशमुख ने कहा, “ये आरोप ऐसे लोगों ने लगाए थे जो न तो भरोसेमंद हैं और न ही इनकी कोई इज्जत है। ऐसे बेईमान लोग ख़ुद ही वसूली और हत्या के कई रैकेट्स में डूबे हुए हैं।”
उन्होंने बिना नाम लिए परमबीर सिंह पर निशाना साधते हुए कहा कि पुलिस में आयुक्त जैसे ऊंचे पद पर रहा एक शख़्स अब भगोड़ा वांछित अपराधी बन चुका है। मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त परमबीर सिंह का कहीं कोई पता नहीं है।
29 अक्टूबर को बॉम्बे हाई कोर्ट ने ईडी की ओर से देशमुख के ख़िलाफ़ जारी किए गए समन को रद्द करने से इनकार कर दिया था और उन्हें निर्देश दिया था कि वे जांच एजेंसी के सामने पेश हों। ईडी ने आरोप लगाया था कि देशमुख ने गृह मंत्री रहते हुए कई बार मालिकों से 4.7 करोड़ रुपये का अवैध फ़ायदा लिया था।
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कई बार भेजा था समन
ईडी ने पूछताछ के लिए 5 बार अनिल देशमुख को समन भेजा लेकिन देशमुख एक भी बार पूछताछ के लिए ईडी के सामने हाजिर नहीं हुए। उसके बाद ईडी ने देशमुख के ख़िलाफ़ लुक आउट सर्कुलर भी जारी कर दिया था।
सीबीआई की छापेमारी
सीबीआई ने बीते दिनों देशमुख के नागपुर और मुंबई के आवास और दफ़्तरों पर छापे मारे थे। सीबीआई ने देशमुख और कुछ अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ आपराधिक साजिश और मनी लॉन्ड्रिंग की धाराओं में मुक़दमा दर्ज किया था।
सीबीआई ने भी कई बार पूछताछ के लिए अनिल देशमुख को समन जारी किया था लेकिन देशमुख एक बार भी सीबीआई के सामने हाजिर नहीं हुए।
एनसीपी ने किया था विरोध
अनिल देशमुख के ठिकानों पर सीबीआई की छापेमारी के खिलाफ एनसीपी के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया था। एनसीपी कार्यकर्ताओं का कहना था कि केंद्र सरकार की एजेंसियां महाराष्ट्र सरकार और इसमें शामिल राजनीतिक पार्टियों के नेताओं के ख़िलाफ़ बदले की भावना से कार्रवाई कर रही हैं।
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